शिकायत करने पर भी प्रशासन पर नहीं कोई असर
ऊखीमठ मुख्य बाजार में घन्टों जाम लगना आम बात हो गयी है। मुख्य बाजार में घन्टों जाम लगने से राहगीरों को पैदल चलने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मुख्य बाजार में घन्टों जाम से निजात पाने के लिए केन्द्र सरकार की ‘प्रसाद योजना’ के तहत पार्किंग का निर्माण तो किया गया है, मगर अधिकांश वाहनों के पार्किंग में खड़े करने के बजाय मुख्य बाजार में आडे़-तिरछे खड़े होने से प्रतिदिन घन्टों जाम लगना आम बात बनी हुई है।
स्थानीय जनता द्वारा पुलिस प्रशासन से कई बार मुख्य बाजार में घन्टों लगने वाले जाम से निजात देने की गुहार लगाई गयी है मगर घन्टों जाम लगने से स्पष्ट हो गया है कि स्थानीय पुलिस प्रशासन अपने कर्तव्यों के प्रति सजग नहीं है।
बता दें कि, ऊखीमठ मुख्य बाजार तहसील व विकासखण्ड मुख्यालय होने के कारण यहाँ ऊखीमठ-रासी, ऊखीमठ-मनसूना- गडगू, ऊखीमठ-करोखी, ऊखीमठ-सारी, ऊखीमठ-चोपता, ऊखीमठ-मक्कू, ऊखीमठ- डुगरसेमला, ऊखीमठ-रूद्रप्रयाग, ऊखीमठ-अगस्तमुनि, ऊखीमठ-गुप्तकाशी सहित विभिन्न क्षेत्रों के जीप टैक्सी यूनियन से जुड़े छोटे वाहनों के अलावा निजी वाहनों का आवागमन निरन्तर जारी रहता हैं।
मुख्य बाजार में घन्टों जाम लगने के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन की कार्य प्रणाली भी सवालों के घेरे में है। यदि स्थानीय पुलिस प्रशासन मोटर मार्ग के दोनों तरफ खड़े वाहनों के खिलाफ सख्त कदम उठाती है तो जाम की समस्या से निजात मिल सकता है।
मुख्य बाजार में घन्टों जाम लगने का सबसे अधिक खामियाजा पैदल चलने वाले राहगीरों व विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में अध्यनरत नौनिहालों व अभिभावक को भुगतना पड़ रहा हैं।
स्थानीय जनता द्वारा मुख्य बाजार में घन्टों लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए कई बार स्थानीय पुलिस प्रशासन से गुहार लगाई फिर भी मुख्य बाजार में घन्टो जाम लगने से स्पष्ट हो गया है कि पुलिस प्रशासन गहरी निन्द्रा में सोया हुआ है तथा मुख्य बाजार में घन्टों लगने वाले जाम के प्रति गम्भीर नहीं है।
कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश महामंत्री व पूर्व व्यापार संघ अध्यक्ष आनन्द सिंह रावत का कहना है कि, मुख्य बाजार में घन्टो जाम लगने से स्थानीय व्यापारियों का व्यवसाय खासा प्रभावित हो रहा है।