अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आयातित वाहनों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इससे अमेरिका में विदेश में बने वाहनों के दाम बढ़ जाएंगे। ट्रंप ने कहा कि यह फैसला अमेरिकी ऑटोमोबाइल उद्योग की रक्षा के लिए लिया गया है।
उन्होंने कहा कि आयातित वाहनों के कारण अमेरिकी ऑटोमोबाइल उद्योग को नुकसान हो रहा है। ट्रंप ने कहा कि यह फैसला अमेरिकी ऑटोमोबाइल उद्योग को मजबूत बनाने में मदद करेगा।
यह फैसला 2 अप्रैल से लागू हो जाएगा। इसके बाद अमेरिका में जाने वाली विदेशी निर्मित कारों और हल्के ट्रैकों पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा.।
इस फैसले से यूरोपीय संघ और जापान जैसे देशों के वाहन निर्माताओं पर असर पड़ेगा। यूरोपीय संघ ने कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन में शिकायत दर्ज करेगा।
जापान ने भी इस फैसले की आलोचना की है। जापानी विदेश मंत्री तारो कोनो ने कहा कि यह फैसला दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को खराब कर सकता है।
अमेरिकी ऑटोमोबाइल उद्योग ने इस फैसले का स्वागत किया है। अमेरिकी ऑटोमोबाइल उद्योग संघ के प्रमुख जॉन बूने ने कहा कि यह फैसला अमेरिकी ऑटोमोबाइल उद्योग को मजबूत बनाने में मदद करेगा।
हालांकि, कुछ विश्लेषकों ने कहा है कि यह फैसला अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। उन्होंने कहा कि इससे वाहनों की कीमतें बढ़ जाएंगी और अमेरिकी उपभोक्ताओं पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
इस फैसले के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में भी गिरावट आई है। डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज में 200 से अधिक अंकों की गिरावट आई है।
इस फैसले के बाद अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार संबंधों में भी तनाव आ सकता है। यूरोपीय संघ ने कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन में शिकायत दर्ज करेगा।