गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई मां गंगा की डोली

उत्तराखंड की आस्था, संस्कृति और परंपरा का प्रतीक मां गंगा की भव्य डोली यात्रा आज परंपरागत रीति-रिवाजों और वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच मुख्य गंगाघाट भटवाड़ी से गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई। इस पावन अवसर पर भागीरथी घाटी गंगा मैया के जयकारों से गूंज उठी।

विस्तार

मां गंगा मुखबा गांव से आज 11:57 बजे गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई। ढोल-दमाऊ और सेना के बैंड की धुनों के साथ मां गंगा के जयकारों के साथ 6 माह के लिए गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई।

वहीं मां गंगा को विदा करने सोमेश्वर देवता की देव डोली भी धाम तक जाएगी। स्थानीय ग्रामीणों ने मां गंगा को कल्यो और फाफरे का भोग चढ़ा कर विदा किया।

गंगोत्री धाम के कपाट हर वर्ष शीतकाल में बंद हो जाते हैं और गंगोत्री से मां गंगा की उत्सव मूर्ति को डोली में रखकर मुखबा गांव लाया जाता है। वहां श्रद्धापूर्वक उसकी पूजा-अर्चना होती है।

मां गंगा की डोली मुखबा गांव से निकलकर शाम को मां गंगा भैरो घाटी में भैरव मंदिर में रात्री विश्राम करेंगी। बुधवार, 30 अप्रैल को सुबह गंगोत्री धाम के लिए श्रद्धालुओं के साथ रवाना होगी। ब्रह्ममूहुर्त में विधिविधान से गंगोत्री धाम के कपाट 6 माह के लिए श्रद्धालुओं के खोल दिए जाएंगे।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ इस यात्रा में उमड़ी और जगह-जगह पर श्रद्धालुओं ने डोली का पुष्पवर्षा से स्वागत किया। स्थानीय प्रशासन और मंदिर समिति ने सुरक्षा और व्यवस्थाओं की पूरी तैयारी की है।

धार्मिक महत्त्व:

गंगा नदी को हिंदू धर्म में जीवनदायिनी और मोक्षदायिनी माना गया है। गंगोत्री यात्रा का आरंभ डोली प्रस्थान के साथ होता है, जो चारधाम यात्रा का प्रमुख चरण है।

https://regionalreporter.in/illegal-felling-of-trees-and-safari-scam-in-corbett-tiger-reserve/
https://youtu.be/jGaRHT7bFcw?si=s-Mb3Cv1v63HFQ-2
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