IRB, पैरामिलिट्री फोर्स और बम निरोधक दस्ता तैनात
उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा—बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री—हर साल लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनती है। 2025 की चारधाम यात्रा आध्यात्मिक भावनाओं के साथ-साथ सुरक्षा की दृष्टि से भी विशेष महत्व रखती है।
हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद राज्य सरकार ने यात्रा मार्गों और मंदिर परिसरों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू की है। सुरक्षा को लेकर कोई चूक न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर विशेष रणनीति तैयार की गई है।
इस बार की यात्रा में कई सुरक्षा एजेंसियों को तैनात किया गया है, जिनमें इंडियन रिजर्व बटालियन (IRB), पैरामिलिट्री फोर्स, पुलिस बल, और बम निरोधक दस्ते प्रमुख हैं।
बदरीनाथ धाम: अब IRB के हवाले सुरक्षा
बदरीनाथ धाम, जो भारत के प्रमुख वैष्णव तीर्थों में से एक है, की सुरक्षा का जिम्मा अब इंडियन रिजर्व बटालियन (IRB) को सौंपा गया है। पहले यहां आईटीबीपी (ITBP) की तैनाती रहती थी, खासकर शीतकाल के दौरान जब मंदिर बंद होता है। लेकिन इस वर्ष कपाट खुलने के बाद, ITBP ने औपचारिक रूप से सुरक्षा की जिम्मेदारी IRB को सौंप दी है।
यह फैसला भारत की सीमा सुरक्षा स्थिति और हालिया ऑपरेशन सिंदूर को ध्यान में रखते हुए किया गया है। IRB अब पूरे यात्रा काल के दौरान बदरीनाथ में तैनात रहेगी।
केदारनाथ धाम: एंटी बम स्क्वाड तैनात
केदारनाथ धाम की सुरक्षा को और अधिक सख्त कर दिया गया है। मंदिर परिसर से लेकर पूरे केदारपुरी क्षेत्र तक बम निरोधक दस्ता (Anti-Bomb Squad) तैनात किया गया है। यहां तैनात पुलिस उपाधीक्षक अभिनय चौधरी के अनुसार, पुलिस बल, पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) और पैरामिलिट्री बल की संख्या में वृद्धि की गई है।
जवानों को अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया गया है और चौकसी के लिए सीसीटीवी कैमरों के साथ-साथ मैनुअल पेट्रोलिंग भी तेज की गई है।
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम: पैरामिलिट्री बलों की चौकस निगरानी
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम, जो हिमालयी क्षेत्र में स्थित हैं, को सुरक्षा के दृष्टिकोण से संवेदनशील माना जाता है। यहां पर पैरामिलिट्री फोर्स की विशेष तैनाती की गई है, जो यात्रा मार्गों पर लगातार निगरानी रखे हुए है।
यात्रियों की तलाशी, पहचान पत्र जांच और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कई चौकियां बनाई गई हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार की सुरक्षा नीति और अधिक मजबूत हुई है। सीमावर्ती राज्यों से सटे इन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की आतंकी या अवांछनीय गतिविधियों की आशंका को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। यात्रा मार्गों पर SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) भी मुस्तैद है, जो आपदा की स्थिति में त्वरित राहत कार्यों के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री की श्रद्धालुओं से अपील
मुख्यमंत्री धामी ने चारधाम यात्रा को सफल, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए सभी श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील की है।
उन्होंने कहा है कि श्रद्धालु अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हर धाम पर विशेष कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं जो किसी भी आपात स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया देने में सक्षम हैं।
निष्कर्षतः, 2025 की चारधाम यात्रा न केवल श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है, बल्कि एक सशक्त और समर्पित सुरक्षा प्रबंधन का भी उदाहरण बन चुकी है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है और राज्य सरकार इस दिशा में कोई कोताही नहीं बरत रही।
