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पद्म सम्मान 2025ः 68 महान विभूतियों को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

भारत सरकार द्वारा प्रदत्त पद्म पुरस्कार देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक हैं, जिनके माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया जाता है। ये पुरस्कार तीन श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं – पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री। प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इन पुरस्कारों की घोषणा की जाती है, और राष्ट्रपति भवन में एक भव्य समारोह के दौरान इन्हें औपचारिक रूप से प्रदान किया जाता है।

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार, 27 मई 2025 को राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कार 2025 के दूसरे चरण के अंतर्गत 68 प्रतिष्ठित हस्तियों को सम्मानित किया। इनमें कला, सामाजिक कार्य, संगीत, चिकित्सा, शिक्षा, विज्ञान और सार्वजनिक सेवा जैसे विविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों को शामिल किया गया।

इस बार के पुरस्कार समारोह की अध्यक्षता भारत की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने की। उन्होंने कला, संगीत, चिकित्सा, विज्ञान, शिक्षा, साहित्य, सामाजिक सेवा और सार्वजनिक प्रशासन जैसे विविध क्षेत्रों में विशिष्ट सेवाएं देने वाले लोगों को यह सम्मान सौंपा।

यह समारोह न केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों की सराहना का प्रतीक था, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत विविधता में एकता के सिद्धांत पर विश्वास करता है और हर क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देता है।

इस समारोह में सम्मानित कुछ प्रमुख व्यक्तित्वों के बारे में जानकारी निम्नलिखित है:

पद्म विभूषण (मरणोपरांत):

  • शारदा सिन्हा: बिहार की प्रसिद्ध लोकगायिका, जिन्होंने मैथिली और भोजपुरी लोक संगीत को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उनके योगदान को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
  • डॉ. डी. नागेश्वर रेड्डी: प्रख्यात गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट और एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, हैदराबाद के संस्थापक। वे पहले भारतीय हैं जिन्हें सभी तीनों पद्म पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।

पद्म भूषण:

  • साध्वी ऋतम्भरा: सामाजिक कार्यकर्ता, जिन्होंने राष्ट्र सेवा और समाज सुधार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • पंकज उधास (मरणोपरांत): प्रसिद्ध ग़ज़ल गायक, जिनकी मधुर आवाज़ ने भारतीय संगीत को समृद्ध किया।

पद्म श्री:

  • अशोक सराफ: प्रसिद्ध मराठी और हिंदी अभिनेता, जिन्होंने हास्य और गंभीर दोनों भूमिकाओं में दर्शकों का मन मोहा।
  • रिकी केज: ग्रैमी पुरस्कार विजेता संगीतकार और पर्यावरणविद्, जिन्होंने संगीत के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश फैलाया।
  • राधा भट्ट : उत्तराखंड की एक प्रसिद्ध समाज सेविका 
  •  ह्यूग गैंट्ज़र : उत्तराखंड के प्रसिद्ध यात्रा वृतांत लेखक
  • कोलीन गैंट्ज़र: उत्तराखंड की प्रसिद्ध यात्रा वृतांत लेखिका
  • तेजेन्द्र नारायण मजूमदार: प्रख्यात सरोद वादक, जिन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • डॉ. विजयलक्ष्मी देशमाने: प्रसिद्ध ऑन्कोलॉजिस्ट, जिन्होंने स्तन कैंसर जागरूकता और महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य किया है।
  • विनायक लोहानी: ‘परिवार’ संस्था के संस्थापक, जो वंचित बच्चों के लिए शिक्षा और आवास प्रदान करती है।
  • प्रो. सोनिया नित्यानंद: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की कुलपति, जिन्होंने स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन और रक्त विकारों पर अनुसंधान किया है।
  • प्रो. सैयद ऐनुल हसन: शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए सम्मानित।
  • प्रो. अशुतोष शर्मा: वरिष्ठ वैज्ञानिक, जिन्होंने अनुसंधान और तकनीकी नवाचारों के माध्यम से उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठा को बढ़ाया।

यह पुरस्कार समारोह न केवल प्राप्तकर्ताओं के लिए एक व्यक्तिगत उपलब्धि का अवसर था, बल्कि देशभर के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बना। यह हमें यह संदेश देता है कि अगर कोई व्यक्ति अपने कार्यक्षेत्र में समर्पण और उत्कृष्टता के साथ कार्य करता है, तो राष्ट्र उसे अवश्य पहचानता है और उसका सम्मान करता है।

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