ग्लोबल साउथ में भारत की स्थिति मजबूत करने का प्रयास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बुधवार से पांच देशों की आठ दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए हैं, जो पिछले एक दशक में उनकी सबसे लंबी राजनयिक यात्रा है। इस दौरे की शुरुआत अफ्रीकी देश घाना से हो रही है, जो तीन दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक घाना यात्रा है।
इसके बाद पीएम मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया का दौरा करेंगे। यह यात्रा ग्लोबल साउथ में भारत की स्थिति को मजबूत करने और रक्षा, कृषि, ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
घाना यात्रा: ऐतिहासिक और रणनीतिक महत्व
प्रधानमंत्री मोदी 2-3 जुलाई को घाना में होंगे, जहां वे राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के निमंत्रण पर द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। यह उनकी पहली घाना यात्रा है और जवाहरलाल नेहरू (1957) और पी.वी. नरसिम्हा राव (1995) के बाद वे तीसरे भारतीय प्रधानमंत्री हैं, जो इस अफ्रीकी राष्ट्र का दौरा कर रहे हैं। घाना में भारतीय प्रवासियों ने इस यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए गौरव और उत्साह व्यक्त किया है।
इस दौरे का उद्देश्य भारत-घाना के बीच व्यापार, निवेश, और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना है। घाना के साथ भारत के रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए रक्षा और कृषि क्षेत्रों में सहयोग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा, ऊर्जा क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा और सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर भी चर्चा होगी, जो ग्लोबल साउथ के देशों के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
पांच देशों की करेंगे यात्रा
पीएम मोदी की यह यात्रा 2 से 9 जुलाई तक चलेगी, जिसमें वे घाना के बाद त्रिनिदाद और टोबैगो (3-4 जुलाई), अर्जेंटीना, ब्राजील, और नामीबिया का दौरा करेंगे। ब्राजील में 6-7 जुलाई को आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में उनकी भागीदारी इस यात्रा का एक प्रमुख हिस्सा है। ब्रिक्स सम्मेलन में वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा होगी, जिसमें भारत ग्लोबल साउथ के हितों को मजबूती से उठाएगा।
इस दौरे का मकसद ग्लोबल साउथ के देशों के साथ भारत के संबंधों को और गहरा करना है। त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय डायस्पोरा के साथ बातचीत और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने पर जोर होगा, जहां 180 साल पहले भारतीय समुदाय पहली बार पहुंचा था। अर्जेंटीना और नामीबिया के साथ व्यापार और निवेश के नए अवसर तलाशे जाएंगे।
मुख्य बिंदु
- घाना: तीन दशकों में पहली बार किसी भारतीय पीएम की यात्रा, रक्षा और कृषि सहयोग पर जोर।
- त्रिनिदाद और टोबैगो: भारतीय डायस्पोरा के साथ सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को मजबूती।
- ब्राजील: 17वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन, वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा।
- अर्जेंटीना और नामीबिया: व्यापार, निवेश और ऊर्जा क्षेत्र में नए अवसर।
- उद्देश्य: ग्लोबल साउथ में भारत की स्थिति को मजबूत करना और दीर्घकालिक साझेदारी स्थापित करना।
