- प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जारी किया प्रारूप
- नयी योजना के साथ सरकार का नया टर्म
मंगलावर 1 जुलाई 2025 सरकार ने 1.07 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (ईएलआई) को मंगलवार को मंजूरी दे दी। इसका उदेश्य सेवानिवृत्ति निधि निकाय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से अगले दो वर्ष में 3.5 करोड़ नौकरियों का सृजन करना है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसका उदेश्य सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता में वृद्धि और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
इस योजना का उद्देश्य दो साल में देश में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहन देना है। इसके अलावा, यह योजना पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहन देगी। इस योजना के तहत पहली बार नौकरी पर रखे गए कर्ममियो को एक महीने का वेतन (15,000 रुपये तक) मिलेगा। वहीं नियोक्ताओं को अतिरिक्त रोजगार सृजन के लिए दो साल की अवधि के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा।
जानें क्या है पहली नौकरी
ऐसा व्यक्तिः
- जिसने अभी तक कभी भी EPFO”कर्मचारी भविष्य निधि संगठन” (Employees’ Provident Fund Organisation) में रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है।
- जिसने अब तक किसी भी सरकारी या प्राइवेट कंपनी में औपचारिक तरीके से काम नहीं किया है, जहाँ PF कटता हो।
- यानी उसकी कोई EPF एंट्री (Entry) अभी तक नहीं हुई है।
कौन है ऐसे व्यक्ति
- कॉलेज से नये ग्रेजुएट छात्र।
- गृहणी / बेरोजगार जो पहली बार नौकरी मे आ रहे हो।
- ऐसे लोग जो पहले अनौपचारिक (informal) क्षेत्र में काम करते थे और अब औपचारिक (formal) क्षेत्र में आ रहे हैं।
दो वर्गों में विभाजित है योजना:
जुलाई 2027 के बीच सृजित नौकरियों पर लागू होगा। योजना में दो भाग है, भाग ‘ए’ पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों पर केंद्रित है तथा भाग ‘बी’ नियोक्ताओं पर केंद्रित है।
ईपीएफओ के साथ पहली बार पंजीकृत कर्मचारियों को लक्ष्य करते हुए इस भाग ‘ए’ के तहत दो किस्तों में एक महीने का वेतन 15,000 रुपए तक दिया जाएगा। एक लाख तक के वेतन वाले कर्मचारी इसके पात्र होंगे।
पहली किस्त छह महीने की सेवा के बाद दी जाएगी। दूसरी किस्त 12 महीने की सेवा और कर्मचारी द्वारा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद दी जाएगी। बचत की आदत को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा एक निश्चित अवधि के लिए बचत साधन या जमा खाते में रखा जाएगा और कर्मचारी इसे बाद में निकाल सकेंगे।
