12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान, दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
इस हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई, जिसमें यात्री, चालक दल और जमीन पर मौजूद नागरिक शामिल थे। अब भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की 15 पन्नों की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें तकनीकी त्रुटियों की एक चौंकाने वाली शृंखला उजागर हुई है।
टेकऑफ के तीन सेकंड बाद दोनों इंजनों के फ्यूल स्विच बंद
रिपोर्ट के अनुसार, टेकऑफ के मात्र तीन सेकंड बाद दोनों इंजन एक-एक सेकंड के अंतराल में बंद हो गए। फ्लाइट रिकॉर्डर डेटा से पता चला है कि ईंधन के स्विच अनजाने में या असावधानीवश कट-ऑफ (बंद) हो गए। इसके चलते विमान तेजी से ऊंचाई खोने लगा।
कॉकपिट में हुई बातचीत से स्पष्ट हुआ भ्रम
वॉयस रिकॉर्डर से यह पता चला कि पायलटों को फ्यूल स्विच के बंद होने की जानकारी नहीं थी। एक पायलट ने पूछा, “तुमने विमान क्यों बंद किया?” दूसरे ने जवाब दिया, “मैंने नहीं किया।”
हालांकि पायलटों ने दोनों इंजन दोबारा चालू करने का प्रयास किया, पर केवल एक इंजन में थ्रस्ट ठीक होने के संकेत मिले। विमान ऊंचाई और गति बनाए नहीं रख पाया और अंतिम समय में ‘मेयडे’ संदेश भेजते हुए रिहायशी इलाकों से टकरा गया।
आग का गोला बना विमान
EAFR डेटा के अनुसार, दोनों इंजनों के N2 मान न्यूनतम आइडल स्पीड से नीचे चले गए, और लगभग 08:08:47 UTC पर RAT (Ram Air Turbine) का हाइड्रॉलिक पंप चालू हो गया और हाइड्रॉलिक पावर सप्लाई करने लगा।
प्लेन 32 सेकेंड तक हवा में रहा, इसके बाद रनवे से 0.9 नॉटिकल मील दूर बी.जे. मेडिकल कॉलेज के छात्रावास सहित कई इमारतों को टक्कर मारी। आग लग गई और पांच इमारतें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुईं।
मलबे के हिस्से लगभग 1000 फीट तक फैल गए। वर्टिकल स्टेबलाइज़र, इंजन और लैंडिंग गियर जैसे पुर्जे घटनास्थल पर बिखरे पाए गए।हॉस्टल से टकराकर गिर गया।
इस विमान में क्रू मेंबर्स समेत 242 यात्री सवार थे। 241 की मौत हो गई, बस एक शख्स जिंदा बच पाया था। नीचे हॉस्टल में मौजूद अन्य लोग भी इस हादसे में मरे थे।
