12 जून 2025 को हुए एयर इंडिया ड्रीमलाइनर क्रैश की जांच रिपोर्ट एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने सार्वजनिक कर दी है।
यह रिपोर्ट 15 पन्नों की है, जिसमें हादसे के तकनीकी कारणों की गहराई से पड़ताल की गई है।
फ्यूल स्विच अचानक ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ पोजिशन में चला गया
रिपोर्ट के अनुसार, जैसे ही विमान ने टेक-ऑफ किया, कुछ ही सेकेंड में उसके दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच जो सामान्यतः ‘RUN’ यानी चालू स्थिति में होते हैं, अचानक ‘CUTOFF’ यानी बंद की स्थिति में चले गए।
इसका असर यह हुआ कि इंजन को फ्यूल मिलना बंद हो गया और दोनों इंजन बंद हो गए, जिससे विमान कुछ ही सेकंड में नीचे आ गिरा।
TCM का हादसे से कोई सीधा संबंध नहीं
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जिस मॉड्यूल की बात हो रही है, यानी थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल (TCM), उसे 2019 और 2023 में बदला गया था। लेकिन ये बदलाव एक नियमित मेंटेनेंस प्रक्रिया के तहत किए गए थे। TCM को बदलने का हादसे से कोई सीधा लिंक नहीं पाया गया।
2019 में बोइंग ने सभी ऑपरेटर्स के लिए एक नया मेंटेनेंस डॉक्यूमेंट जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि हर 24,000 घंटे की उड़ान के बाद TCM को बदला जाना चाहिए। एयर इंडिया ने उसी के तहत दोनों बार बदलाव किए थे।
इस पर FAA और बोइंग ने क्या कहा
AAIB की रिपोर्ट सामने आने के बाद अमेरिकी एविएशन रेगुलेटर FAA और बोइंग ने बयान जारी किए। उन्होंने कहा कि बोइंग विमानों में जो फ्यूल कंट्रोल स्विच लगे हैं, वे पूरी तरह सुरक्षित हैं।
स्विच का डिज़ाइन, लॉकिंग सिस्टम और उसका फंक्शन हर मॉडल में एक जैसा है और कहीं से भी कोई खतरा नहीं दिख रहा।
डिज़ाइन में कोई खामी नहीं, सुरक्षा को खतरा नहीं: FAA
FAA का कहना है कि यह कोई डिज़ाइन फेल्योर नहीं है, इसलिए किसी भी बोइंग विमान पर ‘एयरवर्थनेस डायरेक्टिव’ यानी उड़ान पर रोक जैसी स्थिति नहीं है। बोइंग ने भी FAA के इस निष्कर्ष को दोहराया है।
हादसे की असल वजह मानी जा रही “तकनीकी गलती”
AAIB ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि दोनों इंजनों का अचानक बंद हो जाना शायद किसी “अनजाने सिस्टम रिएक्शन” की वजह से हुआ। यह किसी इंसानी गलती, पायलट की चूक या जानबूझकर की गई छेड़छाड़ नहीं लगती। हालांकि, इस पर आगे और तकनीकी ऑडिट की ज़रूरत जताई गई है।