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सरोकारों से साक्षात्कार

जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद फैलाने के आरोप में 25 किताबों पर बैन

अरुंधति रॉय और ए.जी. नूरानी की रचनाएं शामिल

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देने के आरोपों के बीच केंद्र शासित प्रदेश की सरकार ने एक बड़ा और विवादास्पद कदम उठाया है।

05 अगस्त 2025 को गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक नोटिफिकेशन के तहत 25 पुस्तकों पर प्रतिबंध लगाया गया है। इनमें कुछ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित और चर्चित किताबें भी शामिल हैं —- जैसे अरुंधति रॉय की ‘आज़ादी; और ए.जी. नूरानी की ‘The Kashmir Dispute 1947–2012।’

इसके साथ ही कई फेमस नाम सुमित्रा बोस, मौलाना मौदूदी, पंकज मिश्रा, विक्टोरिया शॉफील्ड, स्टीफन पी कोहेन, हसन उल बना, डेविड देवदास और हाफ़सा कंजवाल भी हैं। इन सारे लेखकों की किताबें अब जम्मू-कश्मीर में नहीं मिलेंगी।

सरकार का तर्क

गृह विभाग के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि प्रतिबंधित किताबें इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करती हैं, आतंकवादियों का महिमामंडन करती हैं, और सुरक्षा बलों को नकारात्मक रूप में चित्रित करती हैं।

प्रशासन का दावा है कि यह साहित्य युवाओं को कट्टरपंथ की ओर मोड़ने, धार्मिक असहिष्णुता को बढ़ावा देने और राज्य विरोधी सोच को जन्म देने का काम करता है।

बैन की गई कुछ प्रमुख किताबें

  1. Azadi – अरुंधति रॉय
  2. The Kashmir Dispute 1947–2012 – ए.जी. नूरानी
  3. Do You Remember Kunan Poshpora?
  4. Kashmir (The Case for Freedom)
  5. The Dismantled State: The Untold Story of Kashmir after 370
  6. Kashmir Politics and Plebiscite
  7. Colonizing Kashmir: State-Building under Indian Occupation
  8. Human Rights Violations in Kashmir
  9. Freedom in Captivity
  10. In Search of Future
  11. Kashmiri’s Fight For Freedom
  12. Mujahid ki Azaan
  13. Al Jihadul Fil islam
  14. Independent Kashmir
  15. Reisting Occupation Kashmir
  16. Between Democracy and Nation
  17. USA and Kashmir
  18. Law and Conflict Resolution in Kashmir
  19. Tarikh-i-Siyasat Kashmir
  20. Kashmir and the Future of South Asia
  21. Contested Lands
  22. Kashmir in Conflict
  23. Kashmir at the Crossroads
  24. Resisting Disappearance
  25. Confronting Terrorism

पूरी सूची में कुल 25 पुस्तकें हैं जिनमें कई शीर्ष अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों की किताबें शामिल हैं, जैसे Routledge, Oxford University Press, और Stanford University Press।

BNSS 2023 के तहत कार्रवाई

सरकार ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 के तहत कार्रवाई करते हुए इन किताबों को जब्त किया है।

  • धारा 98: सरकार को किसी भी प्रकाशन को ‘जब्त करने योग्य’ घोषित करने का अधिकार
  • धारा 152, 196, 197: पब्लिक सर्वेंट्स के कार्य में बाधा डालना, हिंसा को उकसाना, और विधि सहायता से इनकार करना

इन धाराओं के तहत न सिर्फ किताबें, बल्कि उनकी सभी प्रतियाँ, वितरण दस्तावेज, और डिजिटल स्वरूप भी जब्त किए जाएंगे।

https://regionalreporter.in/supreme-court-rejected-the-petition-of-justice-yashwant-verma/
https://youtu.be/zubI3V0G1Rk?si=_d6J7KGfzkgKChNU
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