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पश्चिमी सीमा पर ‘ऑपरेशन अलर्ट’ की शुरुआत

ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य घुसपैठ, तस्करी और संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी बढ़ाना

पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने सोमवार से ‘ऑपरेशन अलर्ट’ की शुरुआत कर दी है।

यह विशेष अभियान 17 अगस्त तक चलेगा और इस दौरान सरहद पर सुरक्षा इंतजामों को सामान्य से कहीं अधिक मजबूत किया जाएगा। ऑपरेशन अलर्ट के तहत BSF के अधिकारियों और जवानों को पूरी तरह चौकसी पर तैनात किया गया है, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को समय रहते रोका जा सके।

ऑपरेशन अलर्ट का मुख्य उद्देश्य स्वतंत्रता दिवस से पहले सीमा पर किसी भी प्रकार की घुसपैठ, तस्करी, या अन्य संदिग्ध गतिविधियों को नाकाम करना है। बीएसएफ के अधिकारी और जवान पूरी तरह से तैयार हैं और 15 अगस्त को पूरे देश में शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा इंतजामों को उच्चतम स्तर पर लाया गया है।

सुरक्षा तंत्र को को किया गया अलर्ट

ऑपरेशन अलर्ट के दौरान पाकिस्तान से लगती सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को अत्यधिक बढ़ा दिया गया है। संवेदनशील क्षेत्रों पर अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है और ऊंट पेट्रोलिंग से लेकर आधुनिक सर्विलांस उपकरणों तक, हर संसाधन का उपयोग किया जा रहा है।

BSF के साउथ सेक्टर डीआईजी महेश कुमार नेगी ने बताया कि यह ऑपरेशन एक रूटीन सुरक्षा कवायद है, लेकिन इसे स्वतंत्रता दिवस के पहले और ज्यादा सख्त किया गया है।

17 अगस्त तक पश्चिमी सीमा का इलाका हाई अलर्ट पर रहेगा, जिसमें सभी सुरक्षा जवान 24 घंटे गश्त करेंगे और खुफिया एजेंसियां भी विशेष सतर्कता बरतेंगी।

संवेदनशील क्षेत्रों में अस्थायी चौकियां स्थापित

इस ऑपरेशन के तहत बीएसएफ ने संवेदनशील क्षेत्रों पर अस्थायी चौकियां भी स्थापित की हैं। इन चौकियों पर अतिरिक्त जवान तैनात किए गए हैं, जो लगातार निगरानी रखेंगे। इन चौकियों का उद्देश्य घुसपैठ, तस्करी या किसी संदिग्ध गतिविधि को रोकना है।

ऑपरेशन अलर्ट के दौरान भारतीय खुफिया एजेंसियों से रीयल टाइम समन्वय भी बढ़ा दिया गया है। सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान तेज़ किया गया है, ताकि किसी भी खतरे को पहले ही पहचान कर उस पर कार्रवाई की जा सके।

ऊंट पेट्रोलिंग और आधुनिक तकनीकी साधनों का इस्तेमाल

जैसलमेर जैसे रेगिस्तानी इलाके में ऊंट पेट्रोलिंग को विशेष रूप से बढ़ाया गया है। यहां के कठिन भौगोलिक हालात में ऊंट पेट्रोलिंग एक प्रभावी और विश्वसनीय तरीका है, जिससे ऐसी जगहों तक पहुंचा जा सकता है, जहां वाहन चलाना मुश्किल होता है। इसके साथ ही नाइट विजन कैमरे और अन्य आधुनिक तकनीकी साधनों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

पाकिस्तान की ओर से ड्रोन द्वारा तस्करी और घुसपैठ की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इस खतरे को ध्यान में रखते हुए, ऑपरेशन अलर्ट में ड्रोन निगरानी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

बीएसएफ ने संवेदनशील इलाकों में ड्रोन मूवमेंट की ट्रैकिंग के लिए अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया है, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत रोका जा सके।

स्थानीय सहयोग से सुरक्षा बढ़ाना

बीएसएफ के जवान अब सीमा के आसपास स्थित गांवों और ढाणियों में भी जाकर स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। सुरक्षा बलों का मानना है कि स्थानीय लोगों का सहयोग सीमावर्ती सुरक्षा को और भी मजबूत बनाता है।

https://regionalreporter.in/relief-work-continues-in-dharali-disaster-of-uttarakhand/
https://youtu.be/9QW0uH_UIwI?si=zwE0ufbonIe47C3K
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