लग्ज़री आइटम पर बढ़ेगा टैक्स
भारत की कर व्यवस्था में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव सामने आया है। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में यह फैसला लिया गया कि अब चार टैक्स स्लैब की जगह केवल दो स्लैब होंगे — 5% और 18%। यह नई व्यवस्था 22 सितंबर 2025, नवरात्रि से लागू होगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस फैसले से उपभोक्ताओं को सीधा फायदा होगा, छोटे व्यवसायों को राहत मिलेगी और लक्ज़री तथा हानिकारक वस्तुओं पर अधिक कर लगाकर उन्हें हतोत्साहित किया जाएगा।
अब सिर्फ दो टैक्स स्लैब
अभी तक देश में 5%, 12%, 18% और 28% के चार टैक्स स्लैब थे। GST 2.0 में 12% और 28% वाले स्लैब खत्म कर दिए गए हैं।
- जो सामान 12% पर था, वह अब 5% स्लैब में आ गया है।
- जो सामान 28% पर था, वह अब 18% स्लैब में शिफ्ट हो गया है।
- वहीं, कुछ लक्ज़री और हानिकारक उत्पादों के लिए नया 40% टैक्स स्लैब बनाया गया है।
क्या होगा सस्ता
नई व्यवस्था में आम आदमी को सबसे ज्यादा राहत रोजमर्रा की वस्तुओं और इलेक्ट्रॉनिक्स पर मिलेगी।
- खाने-पीने का सामान: दूध, दही, घी, पनीर, भुजिया, बिस्कुट, नमकीन, जूस, नूडल्स आदि अब 5% स्लैब में।
- रोजमर्रा का घरेलू सामान: साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट, डिटर्जेंट 18% से घटकर 5% में।
- दवाएँ: जीवन रक्षक और दुर्लभ रोग की दवाएँ अब पूरी तरह टैक्स फ्री।
- इलेक्ट्रॉनिक्स: टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन और एसी पर टैक्स 28% से घटकर 18%।
- वाहन: छोटी कारें, मोटरसाइकिल और ई-रिक्शा भी 18% स्लैब में आ गए हैं।
क्या होगा महंगा
सरकार ने समाज के लिए हानिकारक और लक्ज़री आइटम पर टैक्स बढ़ा दिया है।
- लक्ज़री कारें और SUV: 28% से बढ़ाकर 40%।
- 350cc से ऊपर की मोटरसाइकिलें: 28% से बढ़ाकर 40%।
- तंबाकू, शराब और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स: अब 40% स्लैब में।
- फास्ट फूड और शुगर ड्रिंक्स: 18% से बढ़ाकर 40%।
त्योहार से पहले बड़ा तोहफा
सरकार का मानना है कि नए जीएसटी ढांचे से त्योहारों के सीजन में खपत बढ़ेगी और बाजार में रौनक लौटेगी। रोजमर्रा की चीजों के सस्ते होने से आम घरों को राहत मिलेगी, वहीं लग्ज़री और हानिकारक चीजों पर टैक्स बढ़ाकर सरकार ने एक तरह से “राहत और नियंत्रण” दोनों संतुलित करने की कोशिश की है।

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