अमरनाथ यात्रा 2025: 3 जुलाई से शुरू होने वाली यात्रा की सुरक्षा चाक-चौबंद

अमरनाथ यात्रा 2025 का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलने वाली यह पवित्र यात्रा इस बार सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा तैयारियों की भी बड़ी परीक्षा बन चुकी है। हालिया आतंकी गतिविधियों और खुफिया चेतावनियों के मद्देनज़र जम्मू-कश्मीर और केंद्रीय एजेंसियां पूरी तरह मुस्तैद हैं।

आज यानी 1 जुलाई को यात्रा मार्गों पर सुरक्षा एजेंसियों ने अंतिम स्तर की तैयारियों की समीक्षा की और सभी ज़ोन हाई अलर्ट पर रखे गए हैं।

मॉक ड्रिल और यात्रा का ट्रायल रन: तैयारियों की गंभीर समीक्षा

30 जून को अमरनाथ यात्रा का मॉक ड्रिल और ट्रायल रन सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था। ट्रायल रन में यात्रियों के बिना बसें चलाई गईं, जिनका रास्तेभर ड्रोन और सुरक्षाकर्मियों द्वारा फुल कवर किया गया। लगभग 25 से 30 गाड़ियों के इस मॉक काफिले में पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों की उपस्थिति थी।

उच्च अधिकारियों ने सुरक्षा प्रोटोकॉल की रियल-टाइम निगरानी की और सभी रूट्स को फिजिकली वेरीफाई किया।

  • AI कैमरा, फेशियल रिकग्निशन और RFID: हाई-टेक निगरानी का सहारा
  • इस बार अमरनाथ यात्रा को टेक्नोलॉजी के ज़रिए भी सुरक्षित किया जा रहा है:
  • 700+ AI आधारित हाई डेफिनिशन कैमरे स्थापित किए गए हैं।
  • फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी से प्रवेश बिंदुओं पर निगरानी की जा रही है।
  • प्रत्येक यात्री को RFID कार्ड दिया गया है, जिससे उनकी लाइव लोकेशन और मेडिकल जानकारी ट्रैक हो सकेगी।
  • बालटाल और पहलगाम रूट पर ड्रोन से 360° निगरानी की जा रही है।

महिला कमांडोज़ की ऐतिहासिक तैनाती

पिछले महीने हुए पहलगाम हमले के बाद गृह मंत्रालय ने सुरक्षा नीति में बड़ा बदलाव किया है। इस वर्ष 52 दिनों की बजाय यात्रा अवधि 38 दिन कर दी गई है ताकि निगरानी और कंट्रोल अधिक प्रभावी हो।

581 CAPF कंपनियों के साथ-साथ बुलेटप्रूफ ‘मार्क्समैन’ गाड़ियों, K9 यूनिट्स, बम डिस्पोजल दस्तों, जॉइंट PCRs, और GPS टैगिंग से यात्रा मार्ग को अभेद्य बना दिया गया है।

इस बार की यात्रा में पहली बार सीआरपीएफ की महिला कमांडो टुकड़ियों को भी सक्रिय भूमिका में लगाया गया है। ये कमांडोज़ हर कैंप, चेकपॉइंट और संवेदनशील ज़ोन में महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी। उन्हें विशेष रूप से जनवरी से ट्रेनिंग दी जा रही थी।

‘ऑपरेशन डल’ और पोस्ट-यात्रा टूरिज्म की सुरक्षा

यात्रा के बाद डल झील और श्रीनगर घूमने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए CRPF का ‘ऑपरेशन डल’ शुरू किया गया है। इसमें वाटर पेट्रोलिंग, अंडरवॉटर स्कैनिंग और थर्मल इमेजिंग डिवाइसेज़ का उपयोग किया जा रहा है। यह ऑपरेशन सुनिश्चित करेगा कि घाटी में शांति बनी रहे और टूरिज्म को बढ़ावा मिले।

https://regionalreporter.in/the-greed-for-dowry-took-ridhanyas-life/
https://youtu.be/jGaRHT7bFcw?si=LetbAnMUeM1VM_p2
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