वैश्विक सप्लाई चेन से शीर्ष पद तक का सफर
टेक्नोलॉजी की दुनिया की दिग्गज कंपनी एप्पल ने एक अहम फैसला लेते हुए भारतीय मूल के सबीह खान को अपना नया चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) नियुक्त किया है।
वह वर्तमान COO जेफ विलियम्स की जगह लेंगे, जो 2015 से इस पद पर थे और इस महीने के अंत तक सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सबीह खान वर्तमान में कंपनी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (ऑपरेशंस) हैं और पिछले तीन दशकों से एप्पल के साथ जुड़े हुए हैं।
भारत से अमेरिका तक का प्रेरणादायक सफर
सबीह खान का जन्म 1966 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में हुआ था। शिक्षा के लिए वह सिंगापुर गए और बाद में अमेरिका में बस गए। उन्होंने टफ्ट्स यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की, और फिर Rensselaer Polytechnic Institute (RPI) से मास्टर्स किया।
GE प्लास्टिक्स से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद उन्होंने 1995 में एप्पल की प्रोक्योरमेंट टीम को जॉइन किया।
सप्लाई चेन से शीर्ष प्रबंधन तक
सबीह खान ने एप्पल में पिछले 30 वर्षों के दौरान कंपनी की सप्लाई चेन, मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स, और सस्टेनेबिलिटी प्रोग्राम्स को विश्व स्तर पर मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने सुनिश्चित किया कि एप्पल के उत्पाद विश्व के हर कोने में समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पहुंचें।
एप्पल के सीईओ टिम कुक ने सबीह खान की प्रशंसा करते हुए उन्हें “शानदार रणनीतिकार” बताया। उन्होंने कहा कि सबीह की नेतृत्व क्षमता ने न सिर्फ एप्पल की ऑपरेशनल स्ट्रैटेजी को मज़बूती दी, बल्कि कंपनी के कार्बन फुटप्रिंट को 60% तक घटाने में भी बड़ी भूमिका निभाई। कुक ने यह भी बताया कि खान ने अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के विस्तार में भी अग्रणी भूमिका निभाई।
COO के रूप में नई जिम्मेदारी
COO बनने के बाद खान एप्पल की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, उत्पाद गुणवत्ता, निर्माण, खरीद, लॉजिस्टिक्स और फुलफिलमेंट का नेतृत्व करेंगे। इसके साथ ही वे एप्पल के “Supplier Responsibility Program” का भी संचालन करेंगे, जिससे दुनिया भर की उत्पादन इकाइयों में काम कर रहे कर्मचारियों की सुरक्षा और प्रशिक्षण सुनिश्चित हो सके।
सबीह खान की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत एप्पल के लिए एक रणनीतिक बाजार और मैन्युफैक्चरिंग हब बनता जा रहा है। उनकी भारतीय पृष्ठभूमि और स्थानीय समझ कंपनी को भारत में अपने व्यापार विस्तार की नई दिशा देने में मदद कर सकती है।
