इस बार 11 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगी कांवड़ यात्रा
कांवड़ यात्रा, हिंदू धर्म में भगवान शिव के प्रति भक्ति और समर्पण का एक महत्वपूर्ण प्रतीक, प्रत्येक वर्ष सावन मास में आयोजित की जाती है।
इस यात्रा में लाखों श्रद्धालु हरिद्वार, गोमुख और अन्य पवित्र स्थानों से गंगा जल लेकर पैदल यात्रा करते हैं और अपने गंतव्य पर शिव मंदिरों में जल अर्पित करते हैं।
उत्तराखण्ड, विशेष रूप से हरिद्वार, इस यात्रा का प्रमुख केंद्र है, जहां से अधिकांश कांवड़ अपनी यात्रा शुरू करते हैं। इस वर्ष 2025 में कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से शुरू हो रही है और 9 अगस्त तक चलेगी।
उत्तराखण्ड सरकार और संबंधित प्रशासन ने इस यात्रा को सुचारु, सुरक्षित और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं।
तैयारियां और व्यवस्थाएं
- उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, और दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारियों की संयुक्त बैठकें आयोजित की गई हैं। मेरठ में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी राजीव कृष्ण ने कांवड़ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।
- यात्रा मार्गों पर 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन तैनात किए जा रहे हैं। मुरादाबाद में 10 जोन और 24 सेक्टर में विभाजन कर ट्रैफिक और सुरक्षा प्रबंधन सुनिश्चित किया गया है।
- कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए बॉर्डर पर आईडी चेकिंग अनिवार्य की गई है। बिना आईडी के गेस्ट हाउस या धर्मशालाओं में ठहरने की अनुमति नहीं होगी।
- 12 फीट से ऊंची कांवड़, भाले, त्रिशूल, या अन्य हथियारों को ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
- उत्तर प्रदेश में हेलीकॉप्टर से निगरानी और कांवड़ियों पर फूल बरसाने की व्यवस्था की गई है।
श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं
- दिल्ली में 200 कांवड़ कैंप लगाए जाएंगे, जिनमें भोजन और विश्राम की व्यवस्था होगी। पूर्वी दिल्ली में इनकी संख्या अधिक होगी।
- यात्रा मार्ग पर 30 एंबुलेंस, 20 मेडिकल शिविर, 250 चिकित्सा कर्मी, और 180 बेड की व्यवस्था की गई है।
- सभी कांवड़ मार्गों को 30 जून तक गड्ढा-मुक्त करने और स्ट्रीट लाइट्स की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। बिजली कटौती न हो, इसके लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।
- उत्तराखण्ड सरकार ने श्रद्धालुओं को शुद्ध भोजन सुनिश्चित करने के लिए अभियान शुरू किया है। लापरवाही पर 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
नए नियम और दिशा-निर्देश
- कांवड़ मार्ग पर दुकानों, ढाबों, और होटलों को अपने मालिक का नाम और लाइसेंस विवरण क्यूआर कोड के माध्यम से प्रदर्शित करना होगा।
- यात्रा मार्ग पर मांस की बिक्री और शराब की दुकानें बंद रहेंगी।
- कांवड़ियों को सात्विक भोजन और नशे से दूर रहने की सलाह दी गई है। कांवड़ को जमीन पर न रखने और पवित्रता बनाए रखने के नियम लागू हैं।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में नगर नियंत्रण कक्ष में समीक्षा बैठक कर सभी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने और आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।
