जांच में दोषी, एक साल बाद भी नहीं हुई कार्रवाही
गंगा असनोड़ा
अल्मोड़ा जिले के नौगांव (मासी) वन पंचायत से लाखों रूपयों के घोटाले का मामला सामने आया है। जिलाधिकारी अल्मोड़ा द्वारा कराई गई जांच में एक वर्ष पहले पूर्व महिला वन सरपंच द्वारा वन दरोगा के साथ मिलकर किए गए।
इस घोटाले की जांच में पुष्टि के बावजूद कोई कार्रवाही अभी तक नहीं हुई है। कार्रवाही की मांग को लेकर शिकायतकर्ता जगदीश गौड़ सोमवार से आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।
विस्तार
अल्मोड़ा जिले के नौगांव (मासी) वन पंचायत की वर्ष 2016 से 2020 तक वन सरपंच रही मीना गौड़ तथा तत्कालीन वन दरोगा चंद्र शेखर त्रिपाठी (तत्कालीन सचिव वन पंचायत नौगांव, वर्तमान में वन दरोगा जौरासी) पर वन पंचायत क्षेत्र में कराए गए कार्यों को लेकर घोटाला सामने आया है।
2020 में जब इस वन पंचायत में नए वन सरपंच के रूप में दीपक गौड़ का चयन हुआ, तो उन्हें वन सरपंच के मस्टररौल में भारी अनियमितताएं तथा काटपीट देखने को मिली।
उन्होंने जब इसका निरीक्षण किया, तो प्राथमिक अध्ययन में ही मालूम हो गया कि कोई बड़ा घोटाला उनसे पूर्व की वन सरपंच के कार्यकाल में हुआ है।
उन्होंने इसकी शिकायत जिलाधिकारी अल्मोड़ा से की। जिलाधिकारी की ओर से कराई गई। जिलाधिकारी की ओर से उपजिलाधिकारी द्वाराहाट की अध्यक्षता में गठित सात सदस्यीय जांच समिति ने जांच की।
92 पृष्ठीय जांच आख्या में जांच समिति ने यह बताया कि वन दरोगा तथा महिला वन सरपंच ने करीब 8 लाख का घोटाला किया है। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर अपर जिलाधिकारी अल्मोड़ा ने प्रभागीय वनाधिकारी दीपक कुमार को कार्रवाही के आदेश दिए, लेकिन दोषियों से अभी तक न तो वसूली हो पाई है और न ही कोई वैधानिक कार्रवाही हो पाई है।
शिकायतकर्ता ने शुरू किया आमरण अनशन
जिलाधिकारी की ओर से गठित सात सदस्यीय जांच समिति ने नौगांव गांव की 2016 से 2020 तक वन सरपंच रही मीना गौड़ तथा तत्कालीन वन दरोगा चंद्र शेखर त्रिपाठी पर जून 2023 में आरोप पुष्ट हो जाने के बावजूद रिकवरी न किए जाने से क्षुब्ध नौगांव के ग्रामीणों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है।
आमरण अनशन पर बैठे 65 वर्षीय चंद्रशेखर गौड़ ने वन पंचायत में आठ लाख के गबन की रिकवरी, आरोपियों की जांच को लेकर ग्रामीणों के हुए खर्च की वापसी तथा ग्रीन इंडिया के तहत पूर्व में चयनित नौगांव वन पंचायत के विकास के लिए दो लाख रूपए का बजट आवंटित किया जाए।
यहां बता दें कि आरोपी मीना ने पूर्व में वन सरपंच समेत वन पंचायत के आठ सदस्यों पर छेड़खानी के आरोप भी लगा दिए, लेकिन जांच में ये आरोप बेबुनियाद पाए गए।
प्रभागीय वनाधिकारी दीपक सिंह कहते हैं कि वन दरोगा पर कार्रवाही कुमाऊं वृत्त के वन संरक्षक की ओर से की जा रही है. जबकि वन सरपंच पर कार्रवाही उप जिलाधिकारी द्वाराहाट की ओर से होनी है।