केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए देश भर के सभी स्कूलों में अनिवार्य सुरक्षा ऑडिट कराने का निर्देश जारी किया है।
यह कदम हाल ही में राजस्थान के झालावाड़ में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने की दर्दनाक घटना के बाद उठाया गया है, जिसमें 7 बच्चों की जान चली गई और कई घायल हो गए।
झालावाड़ हादसे के बाद बढ़ी चिंता
25 जुलाई को झालावाड़ जिले के एक सरकारी स्कूल की छत गिर गई थी। हादसे के समय स्कूल में 35 से 40 छात्र मौजूद थे। इसमें 7 छात्रों की मृत्यु हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
इस घटना के बाद शिक्षा मंत्रालय ने त्वरित संज्ञान लेते हुए X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के निर्देश दिए।
सभी स्कूलों में होगा अनिवार्य सुरक्षा ऑडिट
अब देश भर के स्कूलों को अपनी बिल्डिंग का विस्तृत सुरक्षा ऑडिट कराना होगा। इसमें निम्नलिखित बिंदु शामिल होंगे:
- भवन की संरचनात्मक मजबूती की जांच
- अग्नि सुरक्षा के उपाय
- आपातकालीन निकास के रास्ते
- बिजली वायरिंग और उपकरणों की सुरक्षा जांच
- मानसिक स्वास्थ्य और शिकायत निवारण की व्यवस्था
शिक्षकों और छात्रों को आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए NDMA (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण), फायर ब्रिगेड, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर मॉक ड्रिल और ट्रेनिंग सेशन आयोजित किए जाएंगे। जिसमें कि, इवैक्यूएशन ड्रिल, प्राथमिक चिकित्सा (फर्स्ट एड), अग्नि सुरक्षा के नियमों की जानकारी आदि कई चीजें की जाएगी।
छात्रों की सुरक्षा केवल शारीरिक स्तर तक सीमित नहीं रहेगी। स्कूलों में काउंसलिंग सेवाएं, सहपाठी सहायता समूह और सामुदायिक कार्यक्रमों के जरिए मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
घटना की रिपोर्टिंग और जवाबदेही
अगर स्कूलों में किसी प्रकार की सुरक्षा चूक या खतरनाक स्थिति उत्पन्न होती है, तो उसकी रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर संबंधित राज्य या केंद्रशासित प्रदेश को देना अनिवार्य होगा। लापरवाही या देर होने पर संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
मंत्रालय ने अभिभावकों, सामाजिक नेताओं और स्थानीय संगठनों से भी अपील की है कि वे स्कूलों, बच्चों के आने-जाने की गाड़ियों और सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा पर नजर रखें। किसी भी असुरक्षित स्थिति की सूचना तुरंत संबंधित विभाग को दी जाए।
शिक्षा मंत्रालय ने देश के सभी शिक्षा विभागों, स्कूल बोर्डों और संबंधित अधिकारियों को इन निर्देशों को बिना किसी देरी के लागू करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने यह भी दोहराया कि बच्चों की सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है, जिसमें सरकार, स्कूल, अभिभावक और समाज सभी की भागीदारी आवश्यक है।

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