दिल्ली सरकार ने सोमवार को पूरे शहर में पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया, जो 1 जनवरी 2025 तक प्रभावी रहेगा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने यह घोषणा की और दिल्लीवासियों से वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह किया।
यह निर्णय राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के लगातार खराब होते स्तर को नियंत्रित करने के प्रयास का हिस्सा है, जो हर साल दिवाली के बाद अपने चरम पर पहुंच जाता है।
प्रतिबंध का उद्देश्य
दिल्ली सरकार का यह कदम खासतौर पर प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है। हर साल दिवाली के दौरान पटाखों के जलने से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट देखने को मिलती है। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पटाखों के जलने के बाद “गंभीर” श्रेणी में पहुंच जाता है, जिससे शहर में सांस लेना मुश्किल हो जाता है। इस स्थिति से निपटने के लिए, सरकार ने यह निर्णय लिया कि इस साल भी सभी प्रकार के पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा, जैसा कि पिछले कुछ वर्षों में किया गया है।
दिल्ली सरकार ने लागू किया गया प्रतिबंध
दिल्ली सरकार ने अपनी अधिसूचना में स्पष्ट किया है कि राजधानी के भीतर किसी भी प्रकार के पटाखों का निर्माण, बिक्री, वितरण और उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। यह प्रतिबंध केवल दिवाली तक सीमित नहीं है, बल्कि यह निर्णय नवंबर के अंत तक लागू रहेगा। इसके तहत आतिशबाजी के किसी भी रूप, चाहे वह पारंपरिक पटाखे हों या तथाकथित ‘ग्रीन’ पटाखे, का इस्तेमाल करना गैर-कानूनी माना जाएगा।
इस प्रतिबंध के उल्लंघन पर सख्त कानूनी कार्रवाई का प्रावधान भी किया गया है। जो लोग पटाखे बेचते या जलाते हुए पाए जाएंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें भारी जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान भी शामिल है। इसके अलावा, दिल्ली पुलिस और स्थानीय प्रशासन को इस प्रतिबंध के सख्त अनुपालन के निर्देश दिए गए हैं।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 220 यानी ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ तथा 401 और 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।
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