चौमासी से केदारनाथ पैदल ट्रैक के विस्तारीकरण के लिए शासनादेश जारी न होने पर कालीमठ घाटी उपचुनाव का करेगी बहिष्कार
पर्यटकों के अभाव में होम स्टे पड़े हैं वीरान और युवा बने हैं कर्जदार
लक्ष्मण सिंह नेगी
लक्ष्मण सिंह नेगी
चौमासी – रैकाधार – केदारनाथ पैदल ट्रैक के विस्तारीकरण व सुधारीकरण के लिए शासनादेश जारी न होने पर कालीमठ घाटी के जनप्रतिनिधियों व जनता ने शासन – प्रशासन के खिलाफ आर – पार की लडाई लड़ने तथा आगामी उपचुनाव का बहिस्कार करने का मन बना लिया है।
कालीमठ घाटी के जनप्रतिनिधियों व जनता का कहना है कि क्षेत्रीय जनता वर्ष 1980 से चौमासी – रैकाधार – केदारनाथ पैदल ट्रैक को विकसित करने की मांग करती आ रही है मगर भाजपा व कांग्रेस ने बारी – बारी से कालीमठ घाटी के जनमानस के साथ झल किया है।
कालीमठ घाटी के कोटमा में कालीमठ विकास मांग समिति के अध्यक्ष मुलायम सिंह तिन्दोरी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में वक्ताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा चौमासी – रैकाधार – केदारनाथ पैदल ट्रैक के विस्तारीकरण के लिए 40 लाख की घोषणा तो की है मगर लगभग 18 किमी पैदल ट्रैक के विस्तारीकरण के लिए 40 लाख ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।
वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार व विभागीय अधिकारियों द्वारा कालीमठ घाटी की जनता के साथ भेदभाव कर गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है जिसे सहन नहीं किया जायेगा तथा आनी वाली पीढ़ी के हितों को देखते हुए कालीमठ घाटी के चहुंमुखी विकास के लिए आर – पार की लड़ाई लड़ी जायेगी।
वक्ताओं ने कहा कि चौमासी – रैकाधार – केदारनाथ पैदल ट्रैक के विस्तारीकरण तथा क्षेत्र में फैली समस्याओं की लड़ाई हक के अनुसार व सौहार्द पूर्ण लडी़ जायेगी तथा सभी जनप्रतिनिधियों व जनता को दलगत की राजनीति से उठकर एक मंच कर आना होगा। वक्ताओं ने कहा कि शासन – प्रशासन के नुमाइंदों द्वारा वर्ष 2009 में भी कालीमठ मन्दिर में चले रहे आन्दोलन को कमजोर करने का प्रयास किया गया जिसका परिणाम आज कालीमठ घाटी का जनता भुगत रही है कहा कि आर – पार की लड़ाई उपचुनाव बहिस्कार तक सिमित नहीं रहेगी बल्कि लक्ष्य हासिल करने के बाद ही आर – पार की लड़ाई को अन्तिम रूप दिया जायेगा।
वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कालीमठ घाटी के सीमान्त गांवों में होम स्टे योजना के अन्तर्गत युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित किया गया तथा कई युवाओं ने बैंकों से ऋण लेकर होम स्टे योजना को बढ़ावा तो दिया मगर पर्यटकों व सैलानियों के अभाव में होम स्टे वीरान पड़े हुए हैं तथा युवा बैकों के कर्जदार बने हुए हैं।
बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि आगामी उपचुनाव की आचार संहिता से पूर्व चौमासी – रैकाधार – केदारनाथ पैदल ट्रैक के विस्तारीकरण व सुधारीकरण का शासनादेश जारी नहीं हुआ तो सम्पूर्ण कालीमठ घाटी उपचुनाव का बहिष्कार करने के साथ भाजपा – कांग्रेस के प्रत्याशियों का कालीमठ घाटी आगमन का घोर विरोध करेगी। बैठक का संचालन सन्दीप भटट ने किया।
इस मौके पर प्रधान संगठन न्याय पंचायत अध्यक्ष त्रिलोक रावत, पूर्व जिला पंचायत सदस्य मनवर चौहान, प्रधान कविल्ठा अरविन्द राणा, कोटमा आशा सती, चिलौण्ड मोहन सिंह राणा, स्यासू राकेश रावत, जाल तल्ला प्रदीप राणा, बेडूला दिव्या राणा, क्षेपस कोटमा सोमेश्वरी भटट्, कालीमठ राकेश राणा , भामा देवी, संगीता देवी, रीना देवी, चन्द्रवती देवी, दिनेश रावत, कलम सिंह रावत, पृथ्वी सिंह पंवार, सतीश सत्कारी, कलम सिंह तिन्दोरी, राधेलाल शाह, भगत सिंह पंवार, राम लाल आर्य सहित विभिन्न गांवों के जनप्रतिनिधि व सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।