सोमवार, 05 मई को उज्जैन स्थित विश्वप्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के शंखद्वार के एक ऑफिस में आग लगने की घटना से मंदिर परिसर के आस-पास के इलाकों में भी दहशत का माहौल देखा गया।
आग लगते ही मंदिर परिसर में अफरा-तफरी मच गई। मंदिर प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी। मौके पर दमकल की दो गाड़ियाँ भेजी गईं, जिन्होंने तेजी से आग पर काबू पा लिया।
महाकालेश्वर मंदिर के सहायक प्रशासक ने जानकारी दी कि यह घटना 12 बजे के करीब हुई, जब मंदिर के कंट्रोल रूम के ऊपर स्थित पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम की बैटरी फटने से आग लग गई।
आग की चिंगारी ने आसपास के हिस्सों को भी अपनी चपेट में लिया, जिससे मंदिर परिसर में अफरातफरी मच गई।
हालांकि, यह आग मुख्य मंदिर या गर्भगृह के पास नहीं थी, और किसी भी श्रद्धालु या कर्मचारी को कोई चोट नहीं आई है।”
गेट नंबर एक को किया बंद
पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीमों ने मौके पर पहुंचकर पूरे क्षेत्र को घेर लिया और सुरक्षा जांच की। शुरुआती जांच में इसे तकनीकी खराबी का मामला बताया गया है, हालांकि विस्तृत जांच की जा रही है।
आग के फैलने की आशंका के कारण गेट नंबर 1 को सुरक्षा के लिहाज से बंद कर दिया गया ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
सुरक्षा व्यवस्था में प्रशासन की तत्परता
दमकल विभाग ने जल्दी से आग पर काबू पाया और मंदिर के अन्य हिस्सों तक आग को फैलने से रोक लिया। किसी भी श्रद्धालु या कर्मचारी को कोई नुकसान नहीं हुआ और मंदिर की पूजा व्यवस्था सामान्य रूप से जारी रही। आग के कारण किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन मंदिर प्रशासन ने सभी सुरक्षा उपायों को कड़ा कर दिया है।
धार्मिक आस्था और सुरक्षा का संतुलन
महाकालेश्वर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और उज्जैन का सबसे पवित्र धार्मिक स्थल माना जाता है। यहाँ हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। ऐसी घटनाओं ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि क्या मंदिरों में तकनीकी उपकरणों की सुरक्षा पर पर्याप्त ध्यान दिया जा रहा है?
