राजधानी दिल्ली और एनसीआर के लोग देश में सबसे ज्यादा प्रदूषण झेलने को मजबूर हैं। दिवाली से पहले ही शहर में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ने लगा है। रविवार को देश के सबसे प्रदूषित शहरों में ग्रेटर नोएडा तीसरे स्थान पर रहा।
यहां का एक्यूआई 310 दर्ज किया गया। वहीं, नोएडा का एक्यूआई 304 रहा जोकि देश में चौथे स्थान पर है। वायु गुणवत्ता आयोग के पूर्वानुमान के अनुसार दिवाली से पहले यानी 29 अक्टूबर से प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ेगा। जिसके लिए विभाग खास तैयारी करेगा
देश में सबसे खराब हवा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 356 दर्ज किया गया। त्योहार से पहले ही वायु प्रदूषण इतना बढ़ने के बाद दिवाली तक इसके गंभीर श्रेणी में पहुंच जाने की आशंका जताई जा रही है।
दिल्ली के बाद दूसरा सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद रहा, जहां एक्यूआई 324 पहुंच गया। 312 एक्यूआई के साथ ग्रेटर नोएडा देश में तीसरे और 304 के साथ नोएडा पांचवें स्थान पर रहा।
एनसीआर के अन्य शहरों में गुरुग्राम में एक्यूआई 239, जबकि फरीदाबाद में 208 रहा। दिल्ली-एनसीआर के अलावा पूरे देश में सिर्फ अमृतसर ही ऐसा शहर रहा, जहां हवा बेहद खराब श्रेणी में रही और एक्यूआई 310 दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के अनुसार अगले सात दिनों तक इस हालत में बदलाव आने लायक कोई मौसमी स्थिति नहीं बन रही है। चार दिन बाद दिवाली को देखते हुए हालात और खराब हो सकते हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि सोमवार और मंगलवार को दो दिन तक यही स्थिति बनी रह सकती है। बुधवार से हवा गंभीर श्रेणी में पहुंचने की आशंका है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस दिन से प्रदूषण में पटाखों के धुएं की हिस्सेदारी बढ़ेगी। इससे वायु गुणवत्ता खराब होगी।
विभाग ने ग्रैप लगने के बाद 50 लाख जुर्माना वसूला
शहर में ग्रैप-1 को 14 अक्टूबर से लागू किया गया था। 13 दिनों में पलूशन कंट्रोल बोर्ड नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लगभग 50 लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगा चुके हैं। विभाग की टीम द्वारा शहर में निमार्ण कार्य, मिट्टी फैली, कचरा में आग, पराली जलाने आदि काम कर रहे लोग नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। नियम के उल्लंघन पर जुर्माने और नोटिस की कार्रवाई की जा रही है।
एनसीआर में 18 फीसदी लोग पटाखे चलाने की तैयारी में
दिवाली से पहले हुए एक सर्वे में दावा किया गया है कि इस बार दिल्ली-एनसीआर के 18 फीसदी लोग त्योहार पर पटाखे चलाने की तैयारी में हैं। हालांकि खुशी की बात यह है कि सर्वे में शामिल 55 फीसदी लोगों ने पटाखे चलाने से इन्कार किया है। नौ फीसदी ऐसे लोग हैं, जिन्होंने कहा कि उन्हें पता है एनसीआर में प्रतिबंध के बावजूद उन्हें कहां से पटाखे मिल सकते हैं और वे पटाखे खरीदने भी वाले हैं। लोकल सर्किल नामक एजेंसी ने 10,526 लोगों से बात कर यह सर्वे जारी किया।
हवाओं की दिशा बदलने व गति कम होने से बिगड़े हालात
हवा की गुणवत्ता खराब होने से पूरे दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग की चादर छा गई है। मौसम विभाग का कहना है कि खासकर हवाओं की दिशा बदलने और इनकी गति कम होने से हालत और बिगड़ी है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन महसूस हो रही है। भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के मुताबिक, रविवार को हवा दक्षिण-पूर्व दिशा से चली। इस दौरान हवा की गति 8 किलोमीटर प्रतिघंटा रही।
5.5 प्रतिशत हिस्सा वायु प्रदूषण में पराली का
डिसिजन स्पोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के मुताबिक रविवार को हवा में वाहनों के धुएं से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 13.028 फीसदी, कूड़ा जलने से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 1.208 फीसदी रही। वहीं शनिवार को पराली के धुएं की प्रदूषण में हिस्सेदारी 5.5023 फीसदी रही।