राजकीय बालिका इंटर कॉलेज किलकिलेश्वर में आयोजित ‘भारतीय भाषा समर कैंप’ के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त मुख्य वन संरक्षक प्रवीण थपलियाल ने छात्राओं को अपने व्यक्तित्व को सशक्त बनाने अपने सपनों को पहचानने, तथा खूब पढ़ने हेतु प्रेरित किया।
उन्होंने छात्राओं से ‘मेरा सपना’ विषय पर निबंध लिखने को कहा तथा बताया कि सर्वश्रेष्ठ निबंध को उनकी तरफ से पुरस्कृत किया जाएगा। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण में महिलाओं की अग्रणी भूमिका की बात कही।
उन्होंने कहा की प्राचीन काल से ही हमारे यहां महिलाएं पर्यावरण संरक्षण का व्यापक ज्ञान रखतीं थीं। उन्हें पता था किस वनस्पति को कैसे संरक्षित रखना है। उन्होंने अपने कई रोचक अनुभव एवम जानकारियां छात्राओं के साथ साझा की।
ग्रीष्मकालीन अवकाश में बच्चों और किशोरों को अपनी रचनात्मकता, ऊर्जा और जिज्ञासा को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से व्यक्त करने के उद्देश्य से उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है ।
ग्रीष्मकालीन अवकाश के इस समय का सदुपयोग करने के लिए रा.बा. इ. कालेज किलकिलेश्वर में 27 मई 2025 से 2 जून 2025 तक भारतीय भाषा समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है, जो प्रतिदिन 4 घंटे का होगा।
कैंप को मनोरंजक, ज्ञानवर्धक, उत्साह और उमंग से भरपूर बनाने के लिए एक व्यवस्थित योजना बनाई गई है, जिसमें प्रतिदिन प्रार्थना,योग, जुंबा, खेलकूद, कहानी लेखन व वाचन, नाटक, क्राफ्ट आदि गतिविधियां करवाई जाएगी।
भारतीय भाषाओं के अंतर्गत कुमाऊंनी तथा गुजराती भाषाएं सिखाई जाएंगी। भाषाई ज्ञान को सरल व रोचक बनाने के लिए लघु फिल्में, फ्लैश कार्ड, कहानी कथन, आदि को माध्यम के रूप में प्रयोग किया जाएगा। बच्चों को गुजराती वर्णमाला, संख्या, शुभकामना एवम अभिवादन तथा हस्ताक्षर सिखाए जाएंगे।
कैंप के प्रथम दिवस मुख्य गतिविधि के रूप में संदर्भ दाता प्रवीण थपलियाल द्वारा वन्य जीव एवं पर्यावरण संरक्षण पर अपनी बात रखी।
माध्यमिक विद्यालय में संचालित होने वाले इस समर कैंप में खेलकूद, गायन, नृत्य व योगाभ्यास के साथ-साथ दृश्य – श्रव्य माध्यमों के द्वारा समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों एवं समसामयिक विषयों जैसे युवाओं में बढ़ती नशे की आदत,सड़क सुरक्षा, छात्राओं में व्यक्तिगत स्वच्छता एवं ह्यूमन ट्रैफिकिंग जैसे मुद्दों पर विषय विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान भी दिए जाएंगे जिससे की छात्राएं इन कुरीतियों से बचें।
शिविर में सम्मिलित गतिविधियों को इस प्रकार व्यवस्थित किया गया है कि इससे विद्यार्थियों को अनुभवात्मक शिक्षा, जीवन कौशल, अभिव्यक्ति एवं सहभागिता के अवसर तो प्राप्त होंगे ही साथ ही शिक्षिकाओं को भी अपनी विशेषज्ञताओं एवं शिक्षण विधियों को साझा करने तथा नए शिक्षण अभ्यासों को सीखने का मौका मिलेगा।
ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के लिए यह एक अनमोल अवसर है, जहां वे स्वयं को स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्त कर पाएंगे तथा अपने अंदर छिपी प्रतिभाओं को पहचान पाएंगे।
इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉक्टर मीना सेमवाल अध्यापिकाएं मंजू रावत, शकुंतला चौहान, अनुपम बहुगुणा, आरती पंवार, ज्योति प्रभाकर, प्रियंका भट्ट, रेखा चौहान, सीमा रावत, हंसी जोशी, संगीता राणा, परमेश्वरी एवं मीना पोखरियाल उपस्थित थीं।
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