भारत ने जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में स्थित बगलिहार बांध से पाकिस्तान की ओर बहने वाले पानी के प्रवाह को रोक दिया है। यह कदम भारत में हाल ही में हुए आतंकी हमलों के जवाब में उठाया गया है, जिनके पीछे पाकिस्तान समर्थित समूहों का हाथ बताया जा रहा है।
भारत ने अब औपचारिक रूप से 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, जिसके तहत वह अब तक पाकिस्तान को चिनाब, झेलम और सिंधु नदियों के जल का प्रवाह करता रहा है।
बगलिहार बांध पर रोक
बांध पर “डिसिल्टिंग ऑपरेशन” के दौरान स्लूइस गेट्स खोल दिए गए, जिससे पानी का प्रवाह लगभग 90% तक घट गया।
इस प्रक्रिया के कारण पाकिस्तान में जाने वाली जलधारा लगभग बंद हो गई है। यह कदम अस्थायी बताया गया है, लेकिन इसके राजनीतिक और कूटनीतिक निहितार्थ बड़े माने जा रहे हैं।
भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह अब अपने जल संसाधनों का उपयोग अपने नागरिकों के हित में करने को स्वतंत्र है। यह एक तरह से पाकिस्तान को चेतावनी है कि सीमा पार आतंकवाद के परिणाम अब जल-नीति में भी दिखाई देंगे।
किशनगंगा परियोजना पर भी असर संभव
सूत्रों के अनुसार, भारत किशनगंगा परियोजना से भी पाकिस्तान को जाने वाले पानी के प्रवाह पर पुनर्विचार कर सकता है। यह परियोजना जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में स्थित है और 330 मेगावाट बिजली उत्पादन करती है।
