इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। इस मामले में भारत ने अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। क्योंकि अटकलें तेज थी कि प्रबोवो भारत के बाद पाकिस्तान के दौरे पर जाने वाले है।
हालांकि, अब इंडोनेशियाई राष्ट्रपति पाकिस्तान नहीं जाकर मलेशिया की यात्रा करने वाले है, जिससे ये बात लगभग-लगभग तय माना जा रहा है कि प्रबोवो गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबियांतों के दौरे के दौरान उनके साथ व्यापक बातचीत करेंगे। आपको बता दें भारत सरकार हर वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के लिए दुनिया के किसी नेता को आमंत्रित करती है, और उसे मुख्य अथिति बनाते है।
पिछले साल फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों जबकि 2023 में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी मुख्य अतिथि थे। 2021 और 2022 में कोविड महामारी के कारण गणतंत्र दिवस पर कोई मुख्य अतिथि नहीं था।
महाराष्ट्र से 23 विशेष अतिथि होंगे शामिल
76वें गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने के लिए महाराष्ट्र से 23 लोगों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है, जिनमें मुंबई से पांच लोग शामिल हैं।
मुंबई से पांच विशेष अतिथियों में से, एंटॉप हिल से अतुल हनुमंत जाधव और मुंबई के वसई (पश्चिम) से वैभव नितिन पाटिल को प्रधानमंत्री यशस्वी योजना के तहत आमंत्रित किया गया है।
कलाकार निवास, भायंदर (पूर्व) से ब्रह्मदेव पंडित (शिल्पगुरु और पद्मश्री) और अभय ब्रह्मदेव पंडित (राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता) को महाराष्ट्र टेक्सटाइल (हस्तशिल्प) के तहत आमंत्रित किया गया है और बदलापुर (पश्चिम) से आंगनवाड़ी की सहायक आयुक्त उज्ज्वला सदाशिवराव पाटिल को महाराष्ट्र महिला एवं बाल विकास (हस्तशिल्प) श्रेणी के तहत आमंत्रित किया गया है।
विशेष अतिथियों को पूरे भारत से आमंत्रित किया गया है और वे विभिन्न क्षेत्रों से हैं। इनमें विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले और सरकार द्वारा दी जाने वाली योजनाओं का सर्वोत्तम उपयोग करने वाले लोग शामिल हैं।
मुख्य अतिथियों को बुलाने की शुरुआत
26 जनवरी 1950 को भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह से ही इसमें मुख्य अतिथियों को आमंत्रित करने की शुरुआत हुई थी। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो भारत के पहले गणतंत्र दिवस परेड के पहले मुख्य अतिथि थे।