3.5 लाख श्रद्धालुओं ने कराया रजिस्ट्रेशन
पवित्र अमरनाथ यात्रा 2025 की शुरुआत हो चुकी है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार सुबह जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान ‘हर हर महादेव’ और ‘बम बम भोले’ के जयकारों से माहौल भक्तिमय हो गया। यात्रा का औपचारिक शुभारंभ 3 जुलाई से होगा, जो 38 दिनों तक चलेगी और 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी।
पहला जत्था और सुरक्षा के कड़े इंतजाम
पहले जत्थे में 5,880 से अधिक श्रद्धालु शामिल हैं, जो 146 वाहनों के काफिले में श्रीनगर के लिए रवाना हुए। यह जत्था बालटाल और पहलगाम, दो प्रमुख मार्गों से 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर की ओर बढ़ेगा।
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, जिसमें CRPF का K-9 दस्ता, चेहरा पहचानने की प्रणाली (FRS), और 200 से अधिक CCTV कैमरे शामिल हैं। संवेदनशील इलाकों में जैमर भी लगाए गए हैं, जो पहली बार इस यात्रा में इस्तेमाल हो रहे हैं।
3.5 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन
अधिकारियों के अनुसार, इस साल अब तक 3.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके अलावा, जम्मू में मौके पर ही पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है, जिसके तहत पिछले दो दिनों में लगभग 4,000 टोकन वितरित किए गए। इस बार प्रतिदिन 15,000 तीर्थयात्रियों को पहलगाम और बालटाल मार्गों से यात्रा की अनुमति दी गई है।
श्रद्धालुओं में उत्साह, आतंक पर आस्था की जीत
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बावजूद, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, “श्रद्धालुओं ने आतंकी हमलों को नजरअंदाज कर बड़ी संख्या में भाग लिया। श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड, जम्मू-कश्मीर पुलिस, और सुरक्षा बलों ने बेहतरीन व्यवस्थाएं और सुरक्षा सुनिश्चित की है।” उन्होंने उम्मीद जताई कि इस साल की यात्रा पिछले वर्षों से भी अधिक सफल होगी।
यात्रा का महत्व और व्यवस्थाएं
अमरनाथ यात्रा हिंदू धर्म की सबसे पवित्र तीर्थयात्राओं में से एक है। यह यात्रा दक्षिण कश्मीर हिमालय में 14,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा मंदिर तक जाती है, जहां भगवान शिव के हिमलिंग के दर्शन होते हैं। जम्मू-कश्मीर प्रशासन और श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने यात्रियों के लिए भोजन, आवास, और चिकित्सा सुविधाओं सहित व्यापक प्रबंध किए हैं। लखनपुर और सांबा में RFID केंद्र स्थापित किए गए हैं, और 106 ठहरने के केंद्र बनाए गए हैं।
श्रद्धालुओं का जोश
पहले जत्थे में शामिल श्रद्धालुओं ने कहा, “हमारे लिए आतंक से बड़ा आस्था है। हम बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए आए हैं और किसी भी खतरे से डरने वाले नहीं हैं।” यात्रा का समापन रक्षाबंधन के दिन होगा, और इस दौरान लाखों श्रद्धालु बाबा अमरनाथ के दर्शन करेंगे।
