उपभोक्ताओं पर सीधा असर नहीं
केंद्र सरकार ने सोमवार को घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) की कीमत में ₹50 प्रति सिलेंडर की वृद्धि की घोषणा की, जो 8 अप्रैल से प्रभावी होगी। इसके साथ ही, पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में भी ₹2 प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है।
हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि ईंधन की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा, क्योंकि यह अतिरिक्त शुल्क तेल विपणन कंपनियों द्वारा वहन किया जाएगा।
एलपीजी की नई कीमतें
तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अनुसार, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के लाभार्थियों के लिए 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर की कीमत ₹500 से बढ़कर ₹550 हो जाएगी। अन्य उपभोक्ताओं के लिए, यह कीमत ₹803 से बढ़कर ₹853 प्रति सिलेंडर हो जाएगी。
पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में ₹2 प्रति लीटर की वृद्धि की गई है, जिससे पेट्रोल पर कुल उत्पाद शुल्क ₹13 और डीजल पर ₹10 प्रति लीटर हो गया है।
तेल मंत्री पुरी ने स्पष्ट किया कि इस वृद्धि का बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाएगा, बल्कि तेल विपणन कंपनियां इसे वहन करेंगी।
मंत्री पुरी ने कहा कि इन कदमों से तेल विपणन कंपनियों को एलपीजी बिक्री में हुए भारी नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सरकार एलपीजी की कीमतों की समीक्षा नियमित रूप से करेगी, ताकि उपभोक्ताओं पर न्यूनतम प्रभाव पड़े।
सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों का उद्देश्य तेल विपणन कंपनियों के वित्तीय संतुलन को सुधारना है, जबकि उपभोक्ताओं पर सीधा प्रभाव नहीं डालना है। हालांकि, एलपीजी की कीमतों में वृद्धि से घरेलू बजट पर असर पड़ सकता है, जिससे आम जनता में चिंता बढ़ी है।