Paris Olympic 2024: मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में भारत को दिलाया पहला मेडल

स्टेट ब्यूरो

22 वषीर्य मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक (Bronze Medal) जीतकर इतिहास रच दिया और फिर देर रात, बैडमिंटन प्लेयर एच. एस. प्रणॉय ने जर्मन शटलर को हराकर बैडमिंटन में टीम को एक और जीत दिलाई। इनसे पहले, पीवी सिंधु ने अपना पहला मैच जीता था।

ओलंपिक में निशानेबाजी में भारत का 12 साल लंबा इंतजार खत्म हो चुका है और निशानेबाजी में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बन गईं।  

मनु ने आठ निशानेबाजों के फाइनल में 221.7 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रहते हुए कांस्य पदक (Bronze Medal) अपने नाम किया। भारतीय निशानेबाज जब बाहर हुईं तो दक्षिण कोरिया की येजी किम से सिर्फ 0.1 अंक पीछे थीं, जिन्होंने अंतत: 241.3 अंक के साथ रजत पदक (Silver Medal) जीता। किम की हमवतन ये जिन ओह ने 243.2 अंक के फाइनल के ओलंपिक रिकॉर्ड स्कोर के साथ स्वर्ण पदक (Gold Medal) अपने नाम किया। 

मनु के पदक के साथ ही भारत ने पेरिस ओलंपिक में भारत का अंक तालिका में खाता भी खुल गया। लगातार तीसरी बार ओलंपिक में भारत के लिए पदक का खाता महिला खिलाड़ी ने ही खोला है। ऐसे में भारतीय दल साल 2021 में टोक्यो में किए अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पीछे छोड़कर पहली बार ओलंपिक में पदकों की संख्या दो अंकों तक पहुंचाने की पुरजोर कोशिश करेंगे।

ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है सपना
मनु भाकर ने कहा, ये मेरे जीवन के बेहतरीन लम्हों में से एक है। सालों से मेरा सपना रहा है कि मैं ओलंपिक में जाऊं और देश के एक मेडल जरूर जीतूं। हालांकि वो सपना गोल्ड मेडल जीतने का रहा है। वो सपना अभी भी बरकरार है। लेकिन मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि कांस्य पदक हम सबके लिए जीत सकी और ये अब घर आ रहा है।

मनु के कोच है गोल्डन ब्वॉय जसपाल राणा
ओलंपिक शुरू होने से पहले करीब डेढ़ महीने तक दून के पौधा स्थित जसपाल राणा निशानेबाजी संस्थान में बनी शूटिंग रेंज में मनु को उत्तराखंड के गोल्डन बॉय नाम से प्रसिद्ध जसपाल राणा ने प्रशिक्षण दिया।

शूटिंग में भारत को ओलंपिक पदक दिलाने वाली पहली महिला एथलीट बन इतिहास रचने वाली मनु प्रशिक्षण के लिए अक्सर दून आती थीं। गोल्डन बाय जसपाल राणा मनु के व्यक्तिगत कोच हैं।

वहीं, मनु के सफल होने पर कोच जसपाल राणा भावुक हो गए। उन्होंने कहा- मैं बहुत राहत महसूस कर रहा हूं। अपने लिए नहीं मनु भाकर के लिए, आखिर वह ओलंपिक पदक विजेता बन गई। मैंने मनु के पदक के लिए कोई जादू नहीं किया है। यह उसकी मेहनत और लगन है। सही मायनों में वह चैंपियन शूटर है। मानसिक रूप से बेहद मजबूत है। वह सिर्फ मेरी आंखों से इशारा समझ जाती है। मैंने न तो क्वालिफाइंग दौर में उसको कुछ ज्यादा कहा और न ही फाइनल के दौरान। मैं दर्शक दीर्घा में चुपचाप आकर बैठ गया। मनु ने भी देख लिया कि उनका कोच कहां बैठा है। बस इतना ही काफी था। ऐसा विशेष जुड़ाव बहुत कम होता है।

https://regionalreporter.in/paris-olympic-2024/
https://regionalreporter.in/paris-olympic-2024/

https://youtu.be/0ab7E1Heh_s?si=NjAXwgBA9beT2Lav

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: