- 32 दिनों तक चलने वाले इस मानसून सत्र में होंगी 18 बैठकें
- ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से लेकर सीजफायर तक गरमाएंगे मुद्दे
संसद का मानसून सत्र आज यानी सोमवार, 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। विपक्ष पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर तीखा हमला करने की तैयारी कर रहा है। सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा। कुल 18 बैठकें होंगी, जबकि 13-14 अगस्त को छुट्टी रहेगी।
इस सत्र में प्रमुख मुद्दों में हालिया भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव, पहलगाम आतंकी हमला और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे बड़े घटनाक्रमों के बीच आज से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर होगी सीधी बहस
हाल ही में पाकिस्तान सीमा पर किए गए विशेष सैन्य ऑपरेशन ‘सिंदूर’ पर सरकार चर्चा के लिए तैयार है। भारत पाक के बीच सैन्य संघर्ष को रोकने का क्रेडिट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लेने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद से विपक्ष बार-बार भारत की विदेश नीति पर सवाल उठाता रहा है।
इस ऑपरेशन में भारत को हुए नुकसान की जानकारी मांग रहा है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सर्वदलीय बैठक में साफ किया कि सरकार हर उस मुद्दे पर जवाब देने को तैयार है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है।
अहमदाबाद में हुए विमान हादसे को लेकर विपक्ष सरकार से सवाल पूछेगी। हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद कई थ्योरी सामने आई है। कांग्रेस और बाकी विपक्षी पार्टियां विमान हादसे की जिम्मेदारी पर सवाल उठाएंगी।
इस मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक भी प्रस्तुत किए जाएंगे, जो देश की आर्थिक, शिक्षा और समुद्री नीति से जुड़े हैं। लेकिन सत्र की दिशा इस बात पर निर्भर करेगी कि विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच कितनी खुली चर्चा होती है और कितनी राजनीतिक टकराव।
हालांकि, जनता की नजर उन सवालों पर है जो देश की सुरक्षा, राजनीतिक पारदर्शिता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जुड़े हैं। संसद के इस सत्र में अगर गंभीर बहस होती है, तो यह केवल सियासी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय जिम्मेदारी का सत्र बन सकता है।
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