उत्तराखंड में अब कोई भी गांव इंटरनेट कनेक्टिविटी से वंचित नहीं रहेगा। प्रदेश के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सभी दूरसंचार कंपनियों को दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में भी तेज इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने के लिए “एरियल केबल नीति” तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य स्तरीय ब्रॉडबैंड समन्वय समिति की आठवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि हर गांव और कस्बे तक इंटरनेट पहुंचना चाहिए, इसके लिए चाहे एयर ट्रांसपोर्ट का सहारा क्यों न लेना पड़े।
उन्होंने सचिव आईटी को कॉमन डक्ट और एरियल केबल नीति पर तेजी से कार्य करने को कहा।
रिमोट एरिया में हो रही दिक्कतें
दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों ने बैठक में कहा कि सड़क संपर्क की कमी के कारण कई रिमोट एरिया में इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने में परेशानी हो रही है।
मुख्य सचिव ने कहा कि जहां सड़क नहीं है, वहां हवाई मार्ग से उपकरण पहुंचाए जाएं। साथ ही 617 किलोमीटर फाइबर ऑप्टिकल लाइन, जो पिटकुल के पास उपलब्ध है, को रेंट पर देने की योजना बनाई जाए ताकि टेलीकॉम कंपनियां उसका उपयोग कर सकें।
राइट ऑफ वे रूल्स 2014 के अनुसार कार्य करने के निर्देश
प्रदेश में पहले से लागू राइट ऑफ वे रूल्स 2014 के तहत इंटरनेट सेवाओं के लिए कार्य की अनुमति मिलती है। इस नियम के अंतर्गत ही मुख्य सचिव ने टेलीकॉम कंपनियों को काम करने का निर्देश दिया है ताकि कार्य में कोई अड़चन न हो।
समन्वय को प्राथमिकता
मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग, यूपीसीएल, पिटकुल, वन विभाग, बीएसएनएल और सभी जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि वे इंटरनेट कनेक्टिविटी और संचार से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली सभी समस्याओं को प्राथमिकता से सुलझाएं।
इसके लिए स्थानीय प्रशासन, दूरसंचार विभाग और सेवा प्रदाताओं के बीच आपसी समन्वय स्थापित किया जाएगा।