एनसीबी ने ड्रग डिस्पोजल पखवाड़े (10-25 जनवरी) के हिस्से के तौर पर 25 जनवरी को भरूच जिले के दहेज में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत आने वाले प्रतिबंधित पदार्थों को जलाकर नष्ट कर दिया गया।
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नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) अहमदाबाद जोनल यूनिट ने नशीले पदार्थों के निपटान के लिए देशभर में चलाए गए मिशन के तहत 870 करोड़ रुपये मूल्य की 4,543.4 किग्रा. जब्त की गई नशीली दवाओं को नष्ट किया।
इन प्रतिबंधित नशीली दवाओं में चरस (3,185.685 किग्रा.), अल्प्राजोलम (0.077 किग्रा.), लिडोकेन (1.078 किग्रा.), ट्रामाडोल (500.310 किग्रा.), हेरोइन (88.727 किग्रा.), मेथमफेटामाइन (748.334 किग्रा.), मेफेड्रोन (0.332 किग्रा.) और एम्फैटेमिन (18.404 किग्रा.) शामिल थे।
यह अभियान को 11 जनवरी को नई दिल्ली में आयोजित ड्रग ट्रैफिकिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक क्षेत्रीय सम्मेलन के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुरू की थी।
एनसीबी ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य नशीली दवाओं के खतरे को खत्म करने के लिए देश की प्रतिबद्धता की पुष्टि करना है। केंद्रीय एजेंसी के अनुसार, यह अभियान नशीली पदार्थों के निपटान को सुनिश्चित कर नशीली पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए चलाया गया है।
विज्ञप्ति में बताया गया कि यह पहल 2012 की एक आपराधिक अपील के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आधार पर ली गई है।