2 दिसंबर से 7 दिसंबर तक विभिन्न विद्यालयों में आयोजन
दुनियाभर मे भारतीय शास्त्रीय संगीत और लोककलाओ के विकास व सरंक्षण के लिए कार्य कर रही संस्था ‘ स्पिक मैके’ के तत्वावधान में सोमवार से विख्यात ओड़िसी कलाकार प्रज्ञा घोष द्वारा विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों मे ओड़िसी नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी।
स्पिक मैके के गढ़वाल स्वयंसेवी परवेज अहमद ने बताया कि श्रीनगर सर्किट में 02 दिसम्बर से कार्यक्रम शुरू होंगे। 2 दिसंबर को GIC कीर्तिनगर, मा.स्कूल श्रीनगर, 03 दिसम्बर को GIC न्यूली अकरी, GIC जाखी डागर, 04 दिसम्बर को GIC कपरोली, GIC खोला कड़ाकोट, 05 दिसम्बर को GIC सिवालीधार, GIC ललूडीखाल, 06 दिसम्बर को चौरास परिसर HNBGU में तथा 07 दिसम्बर को GGIC श्रीनगर तथा GIC खंडाह में होंगी।

नृत्यांगना प्रज्ञा घोष
प्रज्ञा घोष ओडिसी की एक युवा कलाकार हैं, जिनकी ओडिसी नृत्य यात्रा गुरु पद्मश्री रंजना गौहर के मार्गदर्शन में शुरू हुई थी। वर्तमान में, वह प्रसिद्ध गुरु शेरोन लोवेन के संरक्षण में सीख रही हैं। प्रज्ञा पिछले पंद्रह वर्षों से इस कला रूप की भक्त रही हैं, जिस दौरान उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया है। वह ओडिसी की सेवा करने और इसे दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फैलाने के लिए समर्पित हैं। भारतीय शास्त्रीय नृत्य के अलावा, उन्होंने विभिन्न कोरियोग्राफरों के तहत बिहू, तिवा, बोडो, बधाई, कालबेलिया आदि जैसे विभिन्न लोक-नृत्य रूपों में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। शैक्षणिक मोर्चे पर, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज से दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर किया। वर्तमान में, वह दिल्ली विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में पीएचडी कर रही हैं। देशभर के विभिन्न ख्याति प्राप्त नृत्य समारोह मे प्रज्ञा अपनी प्रस्तुति दे चुकी है प्रज्ञा दूरदर्शन दिल्ली की ग्रेडेड आर्टिस्ट है।
अंतर्राष्ट्रीय नृत्य समारोह के अतर्गत स्पेन के(मैड्रिड, लियोन,वलाडोलिड,आयर्स, साल्टा, तुकुमान और जुजुय)
अर्जेंटीना के (ब्यूनस)
रूस के (मास्को, सोची और ऊफ़ा)
नेपाल के (लुम्बिनी) आदि शहरों मे प्रस्तुति दे चुकी हैं।
स्पिक मैके के बारे में
स्पिक मैके, युवाओं में भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति को बढ़ावा देने वाली एक गैर-राजनीतिक, स्वैच्छिक आंदोलन है। इसकी स्थापना साल 1977 में आईआईटी दिल्ली के प्रोफ़ेसर एमेरिटस डॉ. किरण सेठ ने की थी। डॉ. किरण सेठ को कला में उनके योगदान के लिए साल 2009 में ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया था।
स्पिक मैके का मकसद छात्रों में भारत की सांस्कृतिक विरासत के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
यह आंदोलन भारतीय शास्त्रीय संगीत, शास्त्रीय नृत्य, लोक संगीत, योग, ध्यान, शिल्प, और भारतीय संस्कृति के दूसरे पहलुओं को बढ़ावा देता है।
स्पिक मैके की दुनिया भर के 300 से ज़्यादा शहरों में शाखाएं हैं।
स्पिक मैके हर साल करीब 1,000 कार्यक्रम आयोजित करता है।
स्पिक मैके के कुछ कार्यक्रमों में फ़ेस्ट श्रृंखला, विरासत श्रृंखला, राष्ट्रीय सम्मेलन, राष्ट्रीय स्कूल गहन कार्यक्रम, पार्क में संगीत, छात्रवृत्ति कार्यक्रम, विरासत सैर, प्रख्यात विचारकों द्वारा वार्ता, योग शिविर, और क्लासिक सिनेमा की स्क्रीनिंग शामिल हैं।