विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल विकार है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से परिधीय तंत्रिका तंत्र पर हमला करती है
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महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी और आईटी हब पुणे में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) नामक नई बीमारी फैलने की सूचना है। जिसमें किअब तक 60 से अधिक मामले सामने आए हैं।
पुणे नगर निगम की सहायक स्वास्थ्य अधिकारी वैशाली जाधव ने बताया कि 23 जनवरी को जीबीएस के कुल 67 मामले सामने आए हैं। जांच के लिए चार टीमें गठित की गई हैं।
क्या है गुइलेन बैरी सिंड्रोम
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम एक दुर्लभ बीमारी है, जिससे शरीर का इम्यून सिस्टम नसों पर हमला करने लगता है। इसका असर शरीर की मांसपेशियों पर पड़ता है और व्यक्ति कमजोरी महसूस करता है।
कुछ मामलों में हाथ-पैर सुन्न होने लगते हैं, चलने-फिरने में दिक्कत होती है, गंभीर स्थिति में लकवा भी हो सकता है। हालांकि, पुणे जिला प्रशासन ने कहा है कि घबराने की कोई बात नहीं है लेकिन सावधानी बरतने की जरूरत है।
जीबीएस के प्रकोप को देखते हुए पुणे महानगरपालिका (पीएमसी) और पिंपरी चिंचवड़ महानगरपालिका (पीसीएमसी) ने शहर में सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए हैं। पुणे के संभागीय आयुक्त चंद्रकांत पुंडकुलवार ने जीबीएस बीमारी को लेकर समीक्षा बैठक की। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम बीमारी के लक्षण और वजह की जांच कर रही है।
दूसरी ओर, न्यूरोलॉजिकल सोसाइटी ने भी इस मामले को लेकर अलर्ट जारी किया है और लोगों से सावधानी बरतने के लिए कहा है।
13 मरीज वेंटिलेटर पर
पुणे संभाग के आयुक्त चंद्रकांत पुंडकुलवार ने बताया कि बृहस्पतिवार तक जीबीएस के कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 67 हो गई है, जिसमें से 13 वेंटिलेटर पर हैं।
वहीं, बुधवार तक यह संख्या 59 थी। इसमें 38 पुरुष और 21 महिलाएं शामिल थे। इस तरह एक दिन में 8 नए मरीज बढ़े हैं।
ये मामले पुणे शहर, पड़ोसी शहर पिंपरी-चिंचवड़ और जिले के ग्रामीण इलाकों में सामने आए हैं। जीबीएस के मरीजों के नमूने परीक्षण के लिए राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान (एनआईवी) पुणे को भेजे गए हैं।