नैनीताल के वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक मेहरा को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद केंद्रीय न्याय एवं विधि मंत्रालय ने उत्तराखंड हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया है।
नवनियुक्ति न्यायाधीश आलोक मेहरा उत्तराखंड हाईकोर्ट की स्थापना के समय से ही हाईकोर्ट में वकालत कर रहे हैं।
फरवरी, 1972 में नैनीताल में जन्मे आलोक मेहरा के पिता गोपाल सिंह मेहरा पेशे से अधिवक्ता रहे हैं। उनके पिता ने 63 साल नैनीताल जिला अदालत में वकालत की और उत्तराखंड बार काउंसिल के संस्थापक सदस्य रहे हैं। उनकी माता धना देवी राजकीय बालिका इंटर कॉलेज धारचूला के प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त हैं।
नवनियुक्ति न्यायाधीश आलोक मेहरा की हाईस्कूल तक की शिक्षा नैनीताल के सेंट जोसेफ कॉलेज और इंटरमीडिएट की पढ़ाई राजकीय इंटर कॉलेज नैनीताल से हुई है, जबकि स्नातक और स्नातकोत्तर एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी से किया।
कानून की पढ़ाई उन्होंने 1998 में कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय से की है। 1999 में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में उनका पंजीयन हुआ।
आलोक मेहरा ने अपनी वकालत की शुरुआत नैनीताल जिला अदालत से की। मेहरा को उत्तराखंड हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने की संस्तुति सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने अक्टूबर 2023 में की थी। 15 माह से यह मामला लंबित था।
12 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद उन्हें न्यायाधीश नियुक्त करने के आदेश जारी हुए हैं। वे सिविल और राजस्व समेत संवैधानिक मामलों के जानकार हैं।
उत्तराखंड हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किए जाने पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने खुशी व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी है। देश के कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आलोक मेहरा को उत्तराखंड हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने की अपने एक्स अकाउंट से पोस्ट के जरिए जानकारी दी।