श्रीनगर में शनिवार, 20 सितंबर को प्रबुद्ध सम्मेलन का आयोजन किया गया, “सेवा पखवाड़ा 2025” यह विशेष अभियान हर वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन (17 सितम्बर) से शुरू होकर 2 अक्टूबर (महात्मा गांधी जयंती) तक मनाया जाता है। इस वर्ष भी 16 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक देशभर में सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत 17 सितम्बर को देश के 1,000 जिलों में रक्तदान शिविरों के साथ हुई। इसके बाद 18 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक रक्तदान, स्वच्छता अभियान, स्वास्थ्य जांच शिविर, पर्यावरण संरक्षण, दिव्यांगजनों को सहायता और “मोदी विकास मैराथन” जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि “महिलाओं को प्राथमिकता दिए बिना समाज और परिवार का निर्माण संभव नहीं। सेवा पखवाड़े के दौरान एक लाख से अधिक स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे हैं, जिनमें महिलाओं को विशेष रूप से निःशुल्क सेवाएँ प्रदान की जाएँगी।”
सेवा पखवाड़ा का महत्व
- स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण और सामाजिक उत्थान पर विशेष ज़ोर।
- रक्तदान, स्वास्थ्य शिविर, स्वच्छता अभियान, पौधारोपण, दिव्यांग सहयोग जैसी गतिविधियाँ।
- महिलाओं और युवाओं की सक्रिय भागीदारी।

इस अवसर पर पूर्व प्रिंसिपल बी.एन. कर्नाटक, जिला महामंत्री गणेश भट्ट, जिला संयोजक गिरीश पैन्यूली, कमल किशोर सहित अनेक पार्षद और स्थानीय गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
श्रीनगर में हुए इस सम्मेलन ने स्थानीय स्तर पर सामाजिक सेवा और जनभागीदारी को नई दिशा देने का कार्य किया है।
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