संदीप रावत
स्वर्गीय शिवदर्शन सिंह नेगी जी की जयन्ती के उपलक्ष्य में..
समाज को नई दिशा देने वाले राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित एवं शिक्षा को समर्पित एक आदर्श शिक्षक ‘स्वर्गीय शिवदर्शन सिंह नेगी जी का संक्षिप्त परिचय
स्व.शिव दर्शन नेगी जी एक अति क्रियाशील एवं जुझारू व्यक्ति,अध्यवसायी एवं प्रतिभा सम्पन्न जागरूक शिक्षक थे । स्व. नेगी जी एक रचनाशील, कल्पनाशील एवं प्रयोगधर्मी शिक्षक थे। साथ ही वे एक संवेदनशील, कवि हृदय एवं बहुत कर्मठ व्यक्ति थे। उनका संक्षिप्त परिचय आप सभी के सम्मुख प्रस्तुत है-
स्व. नेगी जी का जन्म – 15 नवंबर 1945 में हिमाचल प्रदेश के नाहन में हुआ। इनका मूल गाँव – कसाणी (पोखड़ा, पौड़ी गढ़वाल ) है। इनके पिताजी – स्व. गंगा सिंह नेगी जी इंटर कॉ. पोखड़ा से अवकाश प्राप्त प्रधानाचार्य थे, जो एक प्रतिभाशाली शिक्षक एवं कवि थे। उनका चर्चित ‘विश्व अमर गीत ‘ प्रबंध काव्य – 8 सर्गों में विभाजित है ।
स्व. शिवदर्शन सिंह नेगी जी की पत्नी श्रीमती बिमलेश्वरी नेगी कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मलेथा से अवकाश प्राप्त शिक्षिका हैं।
शिक्षा
प्राथमिक स्तर तक नियमित विद्यालयी शिक्षा नहीं ले पाए। जुलाई 1959 में योग्यता के आधार पर सीधा कक्षा -7 में प्रवेश लिया। इन्होंने सन् 1962 में जनता इंटर कॉलेज पोखड़ा से हाई स्कूल एवं सन् 1964 में जयहरीखाल से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। सन् 1964-65 में हाई स्कूल स्तर पर एक वर्ष के लिए विज्ञान /गणित शिक्षण कार्य किया।
सन् 1967 में B.Sc (बिड़ला परिसर श्रीनगर, आगरा) विश्वविद्यालय से 76% अंकों के साथ एवं सन् 1969 में M.Sc.भौतिक विज्ञान, मेरठ विश्वविद्यालय से 72% अंकों के साथ इन परीक्षाओं को उत्तीर्ण किया ।
सन् 1967 में वेदीखाल इंटर कॉलेज में भौतिक विज्ञान प्रवक्ता के पद पर नियुक्त हुए और फिर 1998 तक विभिन्न विद्यालयों में भौतिक विज्ञान अध्यापन कार्य किया। सन् 1998 में हाईस्कूल में प्रधानाचार्य नियुक्त हुए एवं रा.उ. मा. वि. मंजाकोट, चौरास से प्रधानाचार्य सेवानिवृत्त हुए।
सन् 1999 में टीन शेड में चलने वाले रा.उ. मा. वि. मंजाकोट को एक आदर्श विद्यालय के रूप में स्थापित किया। अपने स्वर्गीय बेटे विपिन नेगी की याद में अपने व्यक्तिगत खर्चे से इस विद्यालय में एक बड़े हॉल ‘विपिन स्मृति सभागार ‘का निर्माण करवाया और साथ ही इस विद्यालय में अन्य कार्य करवाए। विज्ञान की अवधारणाओं को समझाने हेतु ‘विज्ञान तरंगिनी ‘ का निर्माण किया और विभिन्न मंचों पर प्रस्तुति दी।
शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों की अनुशंसा पर 05 सितंबर सन् 2004 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के कर कमलों से राष्ट्रपति पुरस्कार
से सम्मानित हुए। उन्होंने सम्मान में मिली धनराशि भी विद्यालय को दान कर दी थी।
उनकी कर्मठता को बिलकेदार, श्रीनगर में अलकनन्दा के किनारे और कीर्तिनगर के ठीक सामने बसे हुए उनके निवास नेगी लॉज एवं वर्तमान में इंटर कॉलेज मंजाकोट चौरास में देख सकते हैं। उनकी रचनाधर्मिता एवं कल्पनाशीलता को उनकी पुस्तक ‘विज्ञान -गणित गीतिका’ के रूप में देख सकते हैं।
गणित और विज्ञान को बनाया मनोरंजक
स्व. नेगी जी ने गणित और विज्ञान जैसे विषयों को व्यावहारिक और मनोरंजक बनाने के लिए अनेक कविताओं,गीतों और नृत्य नाटिकाओं का सृजन किया।’विज्ञान -गणित गीतिका’ पुस्तक में उन्होंने विज्ञान और गणित के सिद्धांतों को पहेली, गीत,संवाद और कहानी के माध्यम से समझाया है।भौतिक विज्ञान के ‘विद्युत चुम्बकीय तरंगनी ‘ पर गीत नाटिका व नृत्य नाटिका का भी सृजन किया।
अपने विद्यालय में प्रार्थना स्थल पर छात्रों की उपस्थिति हेतु अंकों के स्थान पर आधुनिक आवर्त सारणी के परमाणु क्रमांक आधारित तत्वों का उपयोग कर एक अभिनव प्रयोग किया।इससे कक्षा 06 से 12 तक के सभी विद्यार्थियों को रासायनिक तत्वों के नाम, क्रम एवं प्रतीक याद हो जाते थे। प्रार्थना स्थल पर उनके इस अभिनव प्रयोग का अनुसरण अनेक विद्यालयों ने किया और अभी भी कर रहे हैं और लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
जीवन की विपरीत परिस्थितियों में भी स्थिर रहकर अपना काम करते रहे और जीवटता बनाए रखी। स्व. नेगी जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे और जिज्ञासा, लगन और कुशाग्र बुद्धि का स्वामी होने के कारण एक साधारण परिवार में जन्म लेने पर भी असाधारण बन गए और सभी के लिए प्रेरणापुंज बन गए।
प्रकाशन
(1) शिवदर्शन सिंह नेगी जी की सन् 2006 में ‘विज्ञान -गणित गीतिका ” महत्वपूर्ण पुस्तक प्रकाशित (प्रकाशक -भुवनेश्वरी महिला आश्रम ) है।
(2) हिंदी कविताओं का साझा संग्रह ‘ सपनों के मोर पँख ‘प्रकाशित है।
शिवदर्शन सिंह नेगी जी के जीवन की वास्तविक उपलब्धि – एक अध्यापक जैसा सम्मानजनक पद एवं अपने अधिकारियों, साथी अध्यापकों, छात्र -छात्राओं का असीम प्यार उनको मिला। उन्होंने 28फरवरी सन् 2007 को स्वेच्छिक सेवानिवृति ली।
स्व. नेगी जी का देहावसान 14 अक्टूबर सन् 2011को वेदांता हॉस्पिटल में हुआ और समाज ने एक प्रयोगधर्मी शिक्षक एवं साहित्यकार खो दिया।
स्व.शिवदर्शन नेगी जी शत् -शत् नमन 🙏विनम्र श्रद्धांजलि!