भारत के तेलंगाना राज्य में हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (University of Hyderabad) के निकट स्थित कंचा गाचीबावली क्षेत्र में 400 एकड़ भूमि पर वृक्षों की अंधाधुंध कटाई के खिलाफ हाल ही में महत्वपूर्ण न्यायिक हस्तक्षेप देखने को मिला है। इस क्षेत्र में वृक्षों की अंधाधुंध कटाई के विरोध में विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन भी किए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
3 अप्रैल 2025 को, सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को निर्देश दिया कि कंचा गाचीबावली वन क्षेत्र में वृक्षों की कटाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए।
कोर्ट ने निर्देश दिया कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के बगल वाले भूखंड पर तेलंगाना सरकार को पेड़ों के संरक्षण के अलावा किसी भी प्रकार की कोई गतिविधि नहीं करनी चाहिए।
राज्य में पेड़ों की कटाई को “बहुत गंभीर मामला” बताते हुए न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि तेलंगाना उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार द्वारा उसके समक्ष पेश की गई अंतरिम रिपोर्ट “चिताजनक तस्वीर” पेश करती है।
कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को आदेश दिया कि जब तक आगे कोई आदेश नहीं दिया जाता, तब तक इस क्षेत्र में वृक्षों की कटाई की अनुमति नहीं दी जाए। साथ ही, कोर्ट ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के रजिस्टार को निर्देश दिया कि वे स्थल का निरीक्षण करें और उसी दिन दोपहर 3:30 बजे तक अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
रिपोर्ट में अदालत को बताया गया कि बड़ी संख्या में पेड़ काटे गए है। पीठ ने तेलंगाना के मुख्य सचिव से पूछा कि राज्य द्वारा पेड़ों को हटाने समेत विकासात्मक गतिविधियां शुरू करने की तत्काल इतनी क्या मजबूरी है।
मुख्य सचिव को यह भी बताने का निर्देश दिया गया कि क्या राज्य ने ऐसी गतिविधियों के लिए पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्रमाणपत्र प्राप्त किया है। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 16 अप्रैल निर्धारित की।
पर्यावरणीय चिंताएं
कंचा गाचीबावली क्षेत्र जैव विविधता से समृद्ध है, जहाँ 700 से अधिक पौधों की प्रजातियाँ, 237 पक्षी प्रजातियाँ (जिनमें प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं) और विभिन्न वन्यजीव जैसे spotted deer, wild boars, Indian star tortoises, monitor lizards, और Indian rock python पाए जाते हैं। यह क्षेत्र पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, और यहाँ की वृक्षों की कटाई से इन प्रजातियों के आवासों को गंभीर खतरा है।
छात्र आंदोलन
वृक्षों की कटाई के खिलाफ विश्वविद्यालय के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किए हैं। 30 मार्च को लगभग 50 छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया था, जब उन्होंने विश्वविद्यालय के पूर्व परिसर में विरोध प्रदर्शन किया था।
1 अप्रैल को, छात्रों ने अनिश्चितकालीन विरोध और कक्षाओं का बहिष्कार करने की घोषणा की, जिसमें उन्होंने पुलिस कर्मियों और मशीनरी को परिसर से हटाने, भूमि की औपचारिक पंजीकरण की लिखित गारंटी, और भूमि संबंधित दस्तावेजों में अधिक पारदर्शिता की मांग की।