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थाईलैंड–कंबोडिया सीमा विवाद: मलेशिया में शुरू हुई शांति वार्ता

आसियान की मध्यस्थता में प्रयास शुरू

27 और 28 जुलाई 2025 को, थाईलैंड और कंबोडिया के नेता मलेशिया के कुआलालंपुर में मिले ताकि सीमा संघर्ष को शांत किया जा सके। यह वार्ता मलेशिया के नेतृत्व में हो रही है, जो वर्तमान में आसियान (ASEAN) के अध्यक्ष देश की भूमिका में है ।

थाई प्रधानमंत्री के रूप में फ़ुमथम वेचायाचाई बैंकॉक के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि कंबोडिया की ओर से प्रधानमंत्री हुन मानेट बैठक में भाग ले रहे हैं ।

सीमा पर तीव्र हमले और बढ़ते नागरिक नुकसान

पिछले चार दिनों में दोनों देशों ने अपने-अपने विवादित क्षेत्रों में तोपखाने और रॉकेट हमले शुरू किए। लगभग 35 लोग मारे गए, जिसमें कई सैनिक और नागरिक शामिल हैं, जबकि 200,000 से अधिक लोगों को प्रभावित क्षेत्रों से विस्थापित होना पड़ा है।

थाईलैंड ने कंबोडिया पर नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है, जिसे कंबोडिया ने खारिज किया है। इसके विपरीत कंबोडियाई पक्ष ने थाई हमलों पर जवाबी कार्रवाई करने का दावा किया है।

अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों को युद्धविराम की अपील की, यह चेतावनी देते हुए कि यदि संघर्ष जारी रहा तो व्यापार समझौते रद्द हो सकते हैं ।

यूएस राज्य सचिव मार्को रुबियो ने भी बताया कि अमेरिकी अधिकारी मलेशिया में वार्ता में भाग ले रहे हैं। चीन के राजदूत को भी इस वार्ता में शामिल किया गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह एक बहु-राष्ट्रीय मध्यस्थता प्रयास है ।

ASEAN और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने दोनों पक्षों पर शांतिपूर्ण समाधान के लिए दबाव बनाया है ।

महज 4.6 वर्ग किलोमीटर की जमीन पर विवाद

कंबोडिया और थाईलैंड एक दूसरे से कुल 817 किलोमीटर की भूमि साझा करते हैं । सीमा के आसपास के कई क्षेत्रों पर दोनों देश अपना दावा करते हैं । वहीं साल 1863 से 1953 तक कंबोडिया पर फ्रांस का राज रहा था।

फ्रांस ने यहां का मानचित्र जब बनाया था, तो उसमें इस मंदिर को कंबोडिया का हिस्सा बताया था। लेकिन थाईलैंड ने इस मानचित्र का विरोध किया था। ये मामला 1959 में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भी पहुंचा था।

इस मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का फैसला साल 1962 में आया था। ये फैसला कंबोडिया के पक्ष में था। फैसले में साफ कहा गया था कि प्रीह विहार मंदिर कंबोडियाई क्षेत्र में आता है।

थाईलैंड ने उस समय फैसले को स्वीकार कर लिया था। लेकिन साफ किया था कि मंदिर के आसपास की सीमाएं अभी भी विवादित हैं। दोनों देश मंदिर के आसपास की 4.6 वर्ग किलोमीटर जमीन पर अपना दावा करते हैं। थाईलैंड मंदिर को भी अपने देशा का हिस्सा बताता है।

इस स्थिति को और उग्र बनाया गया तब से जब 28 मई 2025 को एक सीमा विवाद में कंबोडिया सैनिक की हत्या हुई थी, जिसके बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ा और गतिशील शत्रुता बढ़ी। बाद में दोनों देशों ने राजनयिक संबंध भी कम कर दिए ।

मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की मेज़बानी में हुई बैठक का मुख्य उद्देश्य तत्काल वार्ता के ज़रिए युद्धविराम सुनिश्चित करना है ।

लेकिन थाई दृष्टिकोण में, उन्हें विवादास्पद विश्वासहीनता की आशंका है। थाई सरकार ने कहा कि यदि कंबोडिया नागरिकों पर हमले बंद नहीं करता, तो वार्ता निरर्थक होगी। कंबोडिया ने इसे पूरी तरह नकार दिया है और थाई बंदूकबाजी को जिम्मेदार बताया है ।

https://regionalreporter.in/supreme-court-raised-questions-on-the-petition-of-justice-yashwant-verma/
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