कश्मीर के गांदरबल जिले में बनी 6.5 किलोमीटर लंबी सुरंग
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग इलाके में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 6.5 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन किया जिससे इस पर्यटक स्थल तक पूरे साल पहुंचना सुलभ हो जाएगा।
जेड-मोड़ सुरंग के निर्माण पर 2,700 करोड़ रुपये की लागत आई है। सुरंग का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री इसके अंदर गए और परियोजना अधिकारियों से बातचीत की।
उन्होंने उन निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की, जिन्होंने सुरंग का निर्माण पूरा करने के लिए कठिन परिस्थितियों में सावधानीपूर्वक काम किया।
उद्घाटन के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे।
अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री सुबह करीब पौने 11 बजे श्रीनगर हवाई अड्डे पर उतरे और सुरंग के उद्घाटन के वास्ते सोनमर्ग के लिए रवाना हो गए। वहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया।
इस ‘जेड मोड़’ सुरंग को लेकर भारत समेत, पाकिस्तान, चीन में हल्ला है। इसी सुरंग को बनने से रोकने के लिए आंतकियों ने खूब कोशिश की। हमला किया। लेकिन काम नहीं बंद हुआ और सोमवार को इसी सुरंग के उद्घाटन के लिए देश के पीएम मोदी गांदबल आए।
क्या है जेड-मोड़ सुरंग
सुरंग का निर्माण हिमस्खलन की आशंका वाले क्षेत्र में किया जा रहा है, जिससे सर्दियों के अधिकांश समय में सोनमर्ग की सड़क दुर्गम हो जाती है।
सुरंग जिस जगह पर स्थित है, वहां Z-आकार की सड़क के कारण सुरंग को Z-मोड़ नाम दिया गया है। इस सुरंग का उद्देश्य श्रीनगर से सोनमर्ग और बाद में लद्दाख के बीच पहुंच को बेहतर बनाना है।
8,500 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित, सड़क का यह हिस्सा विशेष रूप से सर्दियों के मौसम की स्थिति के लिए संवेदनशील है, और सुरंग का उद्देश्य इन चुनौतियों को कम करना है।
जेड-मोड़ सुरंग भारत के लिए खास
Z-मोड़ सुरंग कश्मीर घाटी और लद्दाख दोनों के लिए रणनीतिक और आर्थिक महत्व रखती है। इसका तात्कालिक लाभ सोनमर्ग तक साल भर पहुंच सुनिश्चित करना है, साथ ही यह लद्दाख को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों से लद्दाख की निकटता को देखते हुए, सुरंग सैन्य कर्मियों के लिए तेज़ और अधिक विश्वसनीय पहुंच प्रदान करेगी।
जोजिला सुरंग का निर्माण दिसंबर 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है, तब इसका महत्व और बढ़ जाएगा, जो अंततः सोनमर्ग को लद्दाख में द्रास से जोड़ेगी, जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी और बढ़ेगी।
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