केंद्र ने नियम किए अधिसूचित
केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 से संबंधित नियमों को आधिकारिक रूप से अधिसूचित कर दिया है, जिससे यह कानून अब पूरी तरह लागू हो गया है।
अधिसूचित नियमों का नाम “एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास नियम, 2025” है। यह नियम वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, लेखा परीक्षण, पारदर्शिता और डिजिटल निगरानी की दिशा में एक बड़ा और अहम कदम माने जा रहे हैं।
यह अधिसूचना गुरुवार को जारी की गई और इसके साथ ही देशभर में वक्फ प्रबंधन की प्रक्रिया को तकनीकी रूप से सुदृढ़ और केंद्रीकृत करने की आधिकारिक शुरुआत हो गई। हालांकि, इस कानून के कुछ प्रावधानों पर अभी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है, इसलिए नियमों में उन्हें शामिल नहीं किया गया है।
वक्फ संपत्तियों की जानकारी अब होगी सार्वजनिक और ऑनलाइन
नए नियमों के तहत वक्फ संपत्तियों की विस्तृत जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए एक विशेष पोर्टल और डेटाबेस का निर्माण किया जाएगा, जिसमें वक्फ संपत्तियों की सूची, उनके रजिस्ट्रेशन, मुतवल्लियों के खाते, संपत्तियों के लेखा परीक्षण और उन पर चल रहे अदालती मामलों की जानकारी डिजिटल रूप से दर्ज की जाएगी।
इसका उद्देश्य वक्फ से संबंधित सभी जानकारी को पारदर्शी बनाना और किसी भी प्रकार की अनियमितता या गड़बड़ी को तकनीक के माध्यम से रोकना है। यह पहली बार होगा जब वक्फ संपत्तियों का एक केंद्रीकृत और वास्तविक समय का रजिस्टर देशभर में सार्वजनिक रूप से सुलभ होगा।
प्रशासनिक निगरानी के लिए तय किया गया ढांचा
नए नियमों में साफ तौर पर यह व्यवस्था की गई है कि इस पोर्टल और डाटाबेस की निगरानी की जिम्मेदारी केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी के पास होगी। साथ ही हर राज्य को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी को राज्य स्तर का नोडल अधिकारी नियुक्त करें।
इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार के परामर्श से एक केंद्रीकृत सहायता इकाई (Central Support Unit) की स्थापना की जाएगी, जो राज्यों को डाटा अपलोड करने, रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया, खातों के रखरखाव और ऑडिट संबंधी कार्यों में तकनीकी मदद देगी।
पारदर्शिता और जवाबदेही को मिलेगी नई दिशा
यह अधिनियम पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक ठोस प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। अब वक्फ से संबंधित हर कार्य को पोर्टल के माध्यम से ट्रैक और ऑडिट किया जा सकेगा। वक्फ बोर्डों द्वारा प्राप्त दान, उनकी संपत्तियों की स्थिति, किरायेदारी, मुकदमेबाजी और अन्य विवरणों को आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा।
इससे न केवल जनता की जानकारी बढ़ेगी, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी। वक्फ से जुड़े विवादों को सुलझाने की प्रक्रिया भी तेज होगी और उनकी निगरानी के लिए अब डिजिटल सिस्टम मौजूद रहेगा।
कुछ धाराएं अभी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में
गौरतलब है कि इस संशोधित कानून के कुछ प्रावधानों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अभी सुनवाई जारी है। इसलिए अधिसूचित नियमों में इन विवादास्पद प्रावधानों को शामिल नहीं किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इन नियमों में संभावित बदलाव या समायोजन हो सकते हैं।
फिलहाल, जो नियम अधिसूचित हुए हैं, वे वक्फ प्रबंधन की प्रक्रिया को डिजिटल, पारदर्शी और व्यावसायिक मानकों के अनुरूप बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
