- 55 दिवसीय यात्रा का 30 मई 2025 को होगा समापन
- भारतीय थल सेना, नौसेना और वायु सेना की 12 महिलाएं अभियान का हैं हिस्सा
भारतीय सशस्त्र बलों के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। मुंबई के कोलाबा स्थित भारतीय नौसेना जलक्रीड़ा प्रशिक्षण केंद्र से ‘समुद्र प्रदक्षिणा’ नामक अखिल महिला त्रि-सेवा नौकायन अभियान को रवाना किया गया।
इस अनूठी पहल का उद्देश्य है – महिलाओं की समुद्री क्षमताओं का प्रदर्शन, सशक्तिकरण को प्रोत्साहन और त्रि-सेना एकता का उदाहरण प्रस्तुत करना।
इस अभियान को कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग (CME), पुणे के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. रमेश ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
अभियान में भारतीय थल सेना, नौसेना और वायु सेना की 12 महिला अधिकारियों की टीम शामिल है, जो इस चुनौतीपूर्ण समुद्री यात्रा को अंजाम दे रही हैं।
क्या है ‘समुद्र प्रदक्षिणा’
‘समुद्र प्रदक्षिणा’ एक 55 दिवसीय समुद्री यात्रा है, जो लगभग 4000 समुद्री मील (7400 किलोमीटर) की दूरी तय करेगी। इस दौरान क्रू मुंबई से रवाना होकर सेशेल्स तक जाएगी और फिर वापस मुंबई लौटेगी। इस अभियान में उपयोग होने वाला पोत है – INSV त्रिवेणी (Indian Naval Sailing Vessel Triveni)।
इस यात्रा का समापन 30 मई 2025 को मुंबई में होगा, जहां अभियान की सफलता का उत्सव मनाया जाएगा।
प्रशिक्षण और तैयारी
इस कठिन समुद्री अभियान के लिए सभी महिला अधिकारियों को करीब दो वर्षों तक गहन प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में नेविगेशन, सीमैनशिप, मौसम विज्ञान, समुद्री आपातकालीन प्रबंधन, मरम्मत और रखरखाव जैसी तकनीकी विषयों को शामिल किया गया। यह प्रशिक्षण भारतीय नौसेना के अनुभवी नाविकों और अफसरों की देखरेख में हुआ।
अभियान का उद्देश्य
- महिला सशक्तिकरण: भारतीय सेनाओं में महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व क्षमता को प्रदर्शित करना।
- त्रि-सेना समन्वय: थल सेना, वायु सेना और नौसेना की संयुक्त क्षमताओं को सामने लाना।
- वैश्विक अभियान की तैयारी: यह यात्रा 2026 में प्रस्तावित वैश्विक नौकायन अभियान की पूर्व तैयारी भी है, जिसमें पूरी पृथ्वी की समुद्री परिक्रमा की जाएगी।
‘समुद्र प्रदक्षिणा’ अभियान सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि यह एक संदेश है – कि महिलाएं अब न केवल सेना का हिस्सा हैं, बल्कि नेतृत्व और रणनीति में भी अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। यह पहल भारत की नारी शक्ति को सम्मान और प्रोत्साहन देने की दिशा में बड़ा कदम है।
इस से पूर्व वर्ष 2017-18 में ‘नाविका सागर परिक्रमा’ (2017-18) अभियान हुआ था, जिसमें छह महिला नौसेना अधिकारियों ने दुनिया का समुद्री चक्कर लगाया था। ‘समुद्र प्रदक्षिणा’ उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहा है, लेकिन पहली बार इसमें तीनों सेनाओं की महिलाएं एक साथ सम्मिलित हैं।