नैनीताल हाईकोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस हरकत में आ गई है। पुलिस ने 24 घंटों के भीतर खनन में लगीं 124 पोकलैंड और जेसीबी मशीनों को सीज कर दिया। कार्रवाई से सभी खड़िया खदानों में सन्नाटा पसर गया है।
विस्तार
हाईकोर्ट के आदेश पर बागेश्वर में 07 जनवरी से खड़िया खनन पर रोक लगा दी गई है। अवैध खनन से ग्रामीणों को हुए नुकसान पर हाईकोर्ट ने नाराजगी भी जताई थी।
गुरुवार शाम से पुलिस ने जगह-जगह बैरियर लगा दिए और शुक्रवार को खनन में लगी पोकलैंड और जेसीबी मशीनों को सीज करना शुरू कर दिया। मशीनों पर नोटिस भी लगाए गए।
नोटिस मिलते ही मशीन संचालक पुलिस थानों में चाबियां जमा करने पहुंचने लगे। रीमा चौकी में सबसे अधिक 52 चाबियां जमा हुईं।
ग्रामीणों का नुकसान कारोबारियों से वसूलें
नैनीताल हाईकोर्ट ने अवैध खनन से ग्रामीणों को होने वाले नुकसान का मुआवजा अवैध खड़िया खनन करने वाले कारोबारियों से वसूले जाने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने कांडा तहसील में अवैध खनन से ग्रामीणों को हुए नुकसान का मुआवजा सरकार द्वारा दिए जाने पर कड़ी टिप्पणी की।
शुक्रवार को कोर्ट कमिश्नर ने क्षेत्र के ग्रामीणों के कुछ दस्तावेज व शिकायती पत्र भी कोर्ट में दाखिल किए गए। जिसमें ग्रामीणों ने दावा किया है कि उन्होंने खनन पट्टेधारकों को खड़िया खनन की एन.ओ.सी. नहीं दी थी।
फर्जी तरीके से उनकी एन.ओ.सी. बनाई। इस मामले में हाईकोर्ट ने बागेश्वर जिला व पुलिस प्रशासन के साथ ही खनन व उद्योग विभाग के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है।
सुनवाई के दौरान वर्चुअली कोर्ट में पेश हुए पुलिस अधीक्षक बागेश्वर ने बताया कि, हाईकोर्ट के निर्देश पर अवैध खनन में लगी 124 पोकलैंड व जेसीबी मशीनें सीज कर दी गई हैं। इस मामले की अगली सुनवाई अब 14 फरवरी को होगी।