केवल इंजीनियरिंग कोर्स छोड़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए है फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने जेईई एडवास्ड परीक्षा में अटेंप्ट कम करने वाले मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है। इस फैसले में कोर्ट ने कहा कि, छात्र जेईई एडवांस्ड में अब तीन अटेंप्ट दे सकते हैं, कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी है।
ये फैसला केवल उन छात्रों के लिए है जिन्होंने 5 नवंबर से 18 नंवबर के बीच परीक्षा की तैयारी के लिए अपना इंजीनियरिग कोर्स छोड़ दिया था। जॉइंट एडमिशन बोर्ड (JAB) को निर्देश दिए कि वह इन छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दे।
जॉइंट एडमिशन बोर्ड (JAB) ने अपने एक नोटिस में जारी कर बताया था कि जेईई एडवांस्ड परीक्षा देने के लिए केवल 2 अटेंप्ट का ही मौका मिलेगा। इस नोटिस के खिलाफ छात्रों ने याचिका दायर की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है, हालांकि सभी छात्रों के लिए अटेम्प्ट की संख्या तीन से घटाकर वापस दो करने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी निर्णय लेने से साफ इंकार कर दिया है। सुनवाई न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने की।
जानें क्या है पूरा मामला
जॉइंट एडमिशन बोर्ड (JAB) ने 5 नवंबर को नोटिस जारी कर जेईई एडवांस्ड में तीन अटेंप्ट की परमिशन दे दी थी। जिसके बाद जिन छात्रों ने 12वीं की परीक्षा 2023 व 2024 में दी और जो 2025 में देने जा रहे हैं वे जेईई एडवांस्ड देने के पात्र थे। लेकिन इसके बाद 18 नंवबर को JAB ने अपना फैसला वापस ले लिया यानी जेईई एडवांस्ड की अटेंप्ट को तीन से घटाकर दो कर दिया।
इस फैसले के बाद केवल 2024 और 2025 में 12वीं देने वाले ही पात्र रह गएं। JAB के दूसरे नोटिस के बाद स्टूडेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कि और तर्क दिया कि JAB की पहली नोटिस आने के बाद से कई स्टूडेंट्स ने अपना इंजीनियरिंग कोर्स छोड़ दिया और जेईई परीक्षा की तैयारी में लग गए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्टूडेंट्स के पक्ष में फैसला सुनाया है।