11 ट्रैकर्स को किया गया एयरलिफ्ट
रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो
उत्तरकाशी के सहस्त्रताल में फंसे 22 सदस्यीय ट्रेकिंग दल में शामिल बंगलुरू के नौ ट्रेकर हताहत हो गए हैं। मौसम में खराबी के चलते रास्ता भटक जाने के बाद यह यात्री दल सहस्त्रताल की ओर फंस गया था। मंगलवार को जब जिला प्रशासन तक यात्रियों के फंसे होने की सूचना पहुंची, तो तब तक चार यात्रियों की ठंड के कारण मौत हो चुकी थी।
मौसम के लगातार खराब रहने से मंगलवार सांय सूचना मिलने के बावजूद बुधवार दोपहर बाद ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो पाया था। समय पर फंसे हुए यात्रियों को राहत न मिलने के कारण वृहस्पतिवार की सुबह तक इस हादसे में मृतकों की संख्या 9 हो गई है।
मृतकों में बंगलुरू निवासी
- सिंधु वाकेलाम, 2. आशा सुधाकर, 3. सुजाता मुंगरवाडी, 4. विनायक मुंगुरवाडी, 5. चित्रा प्रणीत, 6. वेंकटेश प्रसाद, 7. पदमांधा कृष्णमूर्ति, 8. निता रंगप्पा, 9. पद्मिनी हेगड़े शामिल हैं। जबकि 1.सौम्या कनाले, 2.स्मृति डोलस, 3.शीना लक्ष्मी, 4.एस शिवा ज्योति, 5.अनिल जमतीगे,
6.भारत बोम्मना गौडर, 7.मधु किरण रेड्डी, 8.जयप्रकाश बीएस, 9.एस सुधाकर, 10.विनय एमके, 11.विवेक श्रीधर, 12.नवीन ए, 13.रितिका जिंदल को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
29 मई को कर्नाटक और महाराष्ट्र के ट्रैकरों का 22 सदस्यीय दल मल्ला-सिल्ला से कुश कल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए रवाना हुआ था।
दो जून को दल सहस्त्रताल के कोखली टॉप बेस कैंप पहुंचा। इनमें से 20 ट्रैकर्स तीन जून को सहस्त्रताल के लिए रवाना हुए थे, लेकिन अचानक मौसम खराब होने से घने कोहरे और बर्फबारी के बीच सभी फंस गए। समुचित व्यवस्था नहीं होने से पूरी रात उन्हें ठंड में काटनी पड़ी।
सेना की टीम भी रेस्क्यू में जुटी
मंगलवार शाम ट्रैकिंग एजेंसी के मालिक ने जिला प्रशासन को ट्रैकर्स के फंसने और मौत की सूचना दी। जिलाधिकारी डा.मेहरबान सिंह बिष्ट ने तत्काल हादसे की सूचना एसडीआरएफ कमांडेंट को देते हुए रेस्क्यू के लिए टीम भेजने का आग्रह किया। बुधवार दिन होते ही सहस्त्रताल के लिए अलग-अलग दिशाओं से एसडीआरएफ व वन विभाग की रेस्क्यू टीमें रवाना की गईं।
रेस्क्यू टीमों में वायुसेना की हेली सर्च एंड रेस्क्यू टीम, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, निम, वन विभाग आदि शामिल हुई। उत्तरकाशी के एसपी अर्पण यदुवंशी ने बताया कि पूर्व में लापता ट्रैकर्स की भी मौत हो गई है। उनके शवों को बृहस्पतिवार को लाया जाएगा।
दूसरा बड़ा हादसा
वर्ष 2022 में हुए निम के द्रौपदी का डांडा हिमस्खलन हादसे के बाद सहस्त्रताल में घटित यह घटना उत्तराखंड में ट्रेकिंग से जुड़ा दूसरा बड़ा हादसा है। उस हादसे में 28 पर्वतारोहियों की हिमस्खलन की चपेट में आने से मौत हुई थी। उस हादसे में शामिल एक लापता व्यक्ति की आज तक भी कोई खबर नहीं लग पाई है।