केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को संसद में कहा कि एनटीए 2025 से उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए सिर्फ प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा। अब यह भर्ती परीक्षा नहीं लेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ बातचीत चल रही है कि नीट-यूजी को पेन-पेपर मोड में आयोजित किया जाए या ऑनलाइन।
शिक्षा मंत्री प्रधान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि एनटीए को विशेष तौर पर प्रवेश परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाएगा। यह कदम मेडिकल दाखिल के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के पेपर कथित तौर पर लीक होने और अन्य अनियमितताओं के कारण कई परीक्षाएं रद्द होने के बाद उठाया गया है।
सुधारों पर बनी इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के राधाकृष्णन की समिति की सिफारिशों के आधार पर 2025 से एनटीए में बदलाव दिखेगा। एनटीए शून्य त्रुटि पर काम करेगी।
परीक्षाओं की पवित्रता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए मौजूदा कंप्यूटर बेस्ड टेस्टिंग (सीबीटी) से कंप्यूटर अडैप्टिव टेस्टिंग (सीएटी) की ओर कदम बढ़ाया जाएगा।
नीट-यूजी में एम्स समेत अन्य बड़े मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को अब एनटीए की मदद करनी होगी। न सिर्फ प्रश्नपत्र तैयार करने, बल्कि परीक्षा के समय देशभर के परीक्षा केंद्रों में निरीक्षण और डयूटी भी जरूरी होगी।
नीट यूजी पेपर लीक से चर्चा में आया था एनटीए
बता दें कि, नीट यूजी पेपर लीक से एनटीए चर्चा में आया था। विपक्ष ने इसको लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा था। पेपर लीक के बाद एनटीए प्रमुख सुबोध कुमार सिंह का तबादला कर दिया गया था।
जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी 2024 परीक्षा को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। एनटीए ने कहा कि प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक और अन्य गड़बडिय़ों का संकेत देने के लिए रिकॉर्ड पर कोई डेटा नहीं है।