आगामी 23 जनवरी को सम्पन्न होने वाले नगर निकाय चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। नगर पंचायत ऊखीमठ में अध्यक्ष पद से लेकर तीन वार्डो के सभासद के पदो पर घमासान मचा हुआ है।
अध्यक्ष पद पर भाजपा-कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशियों ने राष्ट्रीय दलों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। अध्यक्ष पद पर काबिज होने के लिए भाजपा-कांग्रेस सहित सभी निर्दलीय प्रत्याशियो ने डोर-टू-डोर सम्पर्क किया जा रहा है।
नगर पंचायत ऊखीमठ में मुकाबला हुआ चतुर्कोणीय
भाजपा=कांग्रेस सहित दो निर्दलीय प्रत्याशियों के चुनावी समर में होने के कारण मुकाबला चतुकोणीय होने के साथ रौचक बना हुआ है। वर्ष 2013 में पहली बार अस्तित्व मे आई ऊखीमठ नगर पंचायत गांधीनगर, उदयपुर, ओकारेश्वर व भटेश्वर वार्डो मे विभाजित है तथा 2223 मतदाता अध्यक्ष पदो पर दावेदारी करने वाले प्रत्याशियो के भाग्य का फैसला करेंगे।
वर्ष 2014 में सम्पन्न हुए नगर पंचायत के प्रथम चुनाव में कांग्रेस अधिकृत प्रत्याशी भाजपा अधिकृत प्रत्याशी बबीता भट्ट को मात्र चार मतों से हराकर अध्यक्ष पद की कुर्सी पर काबिज हुई थी। वर्ष 2019 में सम्पन्न हुए नगर निकाय के दूसरे चुनाव में भाजपा अधिकृत प्रत्याशी विजय राणा कांग्रेस अधिकृत प्रत्याशी प्रकाश गुसाई व निर्दलीय प्रत्याशी प्रकाश रावत को भारी मतों से हराकर अध्यक्ष पद पर आसीन हुए थे।
बीजेपी-कांग्रेस के बागी नेता चुनाव में
वर्तमान समय में भाजपा अधिकृत प्रत्याशी बबीता भट्ट व कांग्रेस अधिकृत प्रत्याशी रीता पुष्वाण के अलावा कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी कुब्जा धर्म्वाण तथा भाजपा से बगावत कर कल्पेश्वरी देवी भी निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी समर में है।
भाजपा अधिकृत प्रत्याशी बबीता भट्ट व कांग्रेस अधिकृत प्रत्याशी रीता पुष्वाण पार्टी कैडर वोट बैंक से जनता के मध्य है तो कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मे पहली बार चुनाव लड़ रही कुब्जा धर्म्वाण अपने मृदुल व्यवहार के कारण मतदाताओं के बीच में है तथा काँग्रेस का एक बडा धडा कांग्रेस को अलविदा कहकर निर्दलीय प्रत्याशी कुब्जा धर्म्वाण के पक्ष में खड़ा है जबकि निर्दलीय प्रत्याशी कल्पेश्वरी देवी अपने पति निवर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों को लेकर चुनाव समर हैं।
प्रत्याशी मांग रहे अपने हक में वोट
भाजपा-कांग्रेस सहित दोनों निर्दलीय प्रत्याशियों ने अध्यक्ष की सीट कब्जाने के लिए पूरी ताकत लगाने से अध्यक्ष पद पर मुकाबला रौनक बना हुआ है।
अध्यक्ष पद पर दावेदारों द्वारा बन्दरों व आवारा पशुओं के आतंक से निजात दिलाने, मुख्य बाजार में घन्टों लगने वाले जाम से छुटकारा देने तथा मई जून मे गहराने वाले पेयजल संकट को दूर करने का आश्वासन देकर मतदाताओं को रिझाने का काम तो किया जा रहा है मगर अध्यक्ष पद पर चारों प्रत्याशियों द्वारा पूरा दमखम झोकने से मुकाबला चतुरकोणीय बना हुआ हैं।
भले ही जनता अध्यक्ष पद का ताज किसके सिर सुशोभित करती है यह तो 25 जनवरी के बाद स्पष्ट हो पायेगा मगर नगर क्षेत्र मे फैली समस्याओं का निराकरण करना नवनिर्वाचित अध्यक्ष के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा।
वहीं दूसरी ओर नगर पंचायत के गांधीनगर, उदयपुर व ओकारेश्वर वार्डो पर भी दो – दो प्रत्याशी चुनावी समर मे होने के कारण तीनो वार्डो मे घमासान मचा हुआ है ।