केदारनाथ : यात्रा से पूर्व खच्चरों में पाया गया H3N8 वायरस

रुद्रप्रयाग में 12 खच्चरों में H3N8 नाम का संक्रामक वायरस पाया गया है। ऐसे में प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। वायरस की पुष्टि होने के बाद खच्चरों को क्वारंटीन में भेज दिया गया है।

खच्चरों को किया गया क्वारंटीन

काबीना मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि, घोड़े-खच्चरों के टेस्ट करवाए गए। जिनमें 422 सैंपल्स में से 12 में H3N8 इंफ़्लूएंजा पॉजिटिव पाया गया। उन्हें क्वारंटीन कर लिया गया है और उनका उपचार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, “लगभग 18,000 लोग हर दिन खच्चरों का इस्तेमाल करके केदारनाथ धाम आते-जाते हैं। हमने यात्रा से 35-40 दिन पहले उन घोड़ों खच्चरों का रजिस्ट्रेशन प्रोसेस शुरू किया, जिनका इस्तेमाल लोगों को लाने-ले जाने के लिए किया जाता है। किसी भी संक्रमित खच्चर को यात्रा में शामिल नहीं किया जाएगा और हर कदम पर जांच की जाएगी।”

प्रशासन हाई अलर्ट मोड पर

स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन पूरी स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। संक्रमण को और फैलने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

इसके लिए प्रभावित क्षेत्र में अन्य खच्चरों की जांच की जा रही है। संक्रमण को रोकने के लिए पशु मेडिकल टीमों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर उनका सख्ती से पालन करने को कहा गया ।

क्या है H3N8 वायरस

H3N8 इन्फ्लूएंजा वायरस एक एवियन (पक्षियों से संबंधित) फ्लू वायरस है, जो मुख्य रूप से पक्षियों, घोड़ों, कुत्तों और सील जैसे जानवरों को प्रभावित करता है।

यह वायरस लंबे समय से जानवरों में पाया जाता रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में इसे इंसानों में भी संक्रमण फैलाते देखा गया है। यह आमतौर पर लेकिन कुछ मामलों में गंभीर बीमारी भी हो सकती है।

संक्रमित घोड़ों में बुखार, खांसी, नाक से स्राव और सांस की तकलीफ देखी जाती है। यह तेजी से फैलता है और यदि समय पर इलाज न किया जाए तो यह घोड़ों के लिए घातक हो सकता है।

https://regionalreporter.in/wakf-bill-passed-by-lok-sabha/
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