6 वर्ष से कम आयु के बच्चों को नहीं मिलेगा प्रवेश
उत्तराखंड सरकार ने आगामी शैक्षिक सत्र 2025-26 से पहली कक्षा में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु सीमा 6 वर्ष निर्धारित की है।
इस निर्णय के अनुसार, 31 जुलाई तक 6 वर्ष की आयु पूरी करने वाले बच्चे ही पहली कक्षा में प्रवेश के पात्र होंगे।
यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप है, जो बच्चों के विकासात्मक तत्परता और समानता को बढ़ावा देने के लिए राज्यों को निर्देशित करता है।
मुख्य बिंदु:
- न्यूनतम आयु सीमा: 31 जुलाई तक 6 वर्ष की आयु पूरी करने वाले बच्चे ही पहली कक्षा में प्रवेश के पात्र होंगे।
- उद्देश्य: इस बदलाव का उद्देश्य बच्चों की मानसिक और शारीरिक विकास को ध्यान में रखते हुए शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है।
- राष्ट्रीय नीति के अनुरूप: यह निर्णय NEP 2020 के तहत लिया गया है, जो बच्चों के प्रारंभिक शिक्षा में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है।
केंद्र सरकार ने राज्यों को निर्देशित किया है कि वे पहली कक्षा में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 6 वर्ष निर्धारित करें, ताकि बच्चों की विकासात्मक तत्परता सुनिश्चित हो सके।
उत्तराखंड में भी इस नीति को लागू करने की प्रक्रिया जारी है, और आगामी शैक्षिक सत्र से इसे प्रभावी किया जाएगा।
यह बदलाव बच्चों को शिक्षा के लिए बेहतर तैयारी का अवसर प्रदान करेगा और शिक्षा व्यवस्था में सुधार करेगा।