भारत-पाकिस्तान के अटारी-वाघा सीमा बंद होने से अफगानिस्तान से सूखे मेवों का भारत में आयात प्रभावित हो रहा है। इस स्थिति के चलते बादाम, पिस्ता, किशमिश और खुबानी जैसे मेवों की आपूर्ति घट सकती है, जिससे कीमतों में 15-20% तक वृद्धि की संभावना जताई जा रही है।
भारत अफगानिस्तान से ज़मीन के रास्ते हींग, केसर और सूखे मेवे आयात करता रहा है। 2024-25 के दौरान भारत ने अफगानिस्तान से कुल 59.14 करोड़ डॉलर का आयात किया था, जिसमें 35.8 करोड़ डॉलर के सूखे मेवे शामिल थे। सीमा बंद होने से यह व्यापार प्रभावित हो रहा है।
कीमतों में तेजी: पिस्ता के दामों में 20% उछाल
दिल्ली के खारी बावली जैसे प्रमुख थोक बाजारों के व्यापारियों का कहना है कि अगर सीमा बंदी 10 दिन से ज्यादा जारी रही, तो सूखे मेवों की कीमतों में और तेजी आएगी। पिस्ता की कीमतों में पहले ही लगभग 20% तक वृद्धि देखी गई है।
व्यापारी तलाश रहे वैकल्पिक आपूर्ति स्रोत
सीमा बंद होने से व्यापारी अब यूएई, ईरान और इराक जैसे देशों से मेवे आयात करने की संभावनाएं तलाश रहे हैं। हालांकि इन देशों से आयात में लॉजिस्टिक और इन्फ्रास्ट्रक्चर की दिक्कतें सामने आ रही हैं।
हवाई मार्ग से निर्यात की तैयारी
अफगानिस्तान का चैंबर ऑफ कॉमर्स काबुल से भारत तक हवाई मार्ग के जरिये सूखे मेवों का निर्यात बढ़ाने के प्रयास में है। इसके लिए एयरलाइनों के साथ बैठकें की जा रही हैं।
सूखे मेवों की बढ़ती कीमतों का असर केवल इनकी खुदरा बिक्री तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि मिठाइयों और अन्य खाद्य उत्पादों की लागत पर भी इसका सीधा प्रभाव पड़ने की आशंका है।