भारत के प्रतिष्ठित स्मारक और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, ताजमहल की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए परिसर में जल्द ही अत्याधुनिक ड्रोन रोधी प्रणाली स्थापित की जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा संरक्षित ताज महल को जल्द ही उन्नत ‘ड्रोन न्यूट्रलाइजेशन’ तकनीक के रूप में सुरक्षा के लिए एक अतिरिक्त कवच मिलेगा।
यह निर्णय हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद संभावित हवाई खतरों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिसमें पाकिस्तान द्वारा भारत के विभिन्न हिस्सों में ड्रोन हमलों का प्रयास किया गया था।
सुरक्षा प्रणाली की विशेषताएं
सहायक पुलिस आयुक्त (ताज सुरक्षा) सैयद अरीब अहमद के अनुसार, यह ड्रोन रोधी प्रणाली लगभग 7-8 किलोमीटर की रेंज में कार्य करेगी, हालांकि यह ताजमहल के मुख्य गुंबद से 200 मीटर के दायरे में सबसे प्रभावी होगी। जैसे ही कोई अनधिकृत ड्रोन इस क्षेत्र में प्रवेश करेगा, प्रणाली उसके सिग्नल को जाम कर उसे निष्क्रिय कर देगी।
इस प्रणाली के संचालन के लिए पुलिस कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही, एक प्रतिक्रिया टीम का गठन किया जाएगा, जो ड्रोन के उड़ान क्षेत्र को ट्रैक करेगी और उसके गिरने की जगह पर जाकर आवश्यक कार्रवाई करेगी।
ताजमहल भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहां प्रतिदिन हजारों पर्यटक आते हैं। इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना न केवल सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि देश की प्रतिष्ठा और पर्यटन उद्योग के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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