उत्तराखण्ड में जारी किया अलर्ट
रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो
केरल में तेजी से फैल रहा है एवियन इनफ्लूएंजा (एच5एन1) वायरस सभी तरह की पक्षी प्रजाति में फैल सकता है। केरल में बतखों में एवियन इनफ्लूएंजा वायरस मिलने के बाद अब उत्तराखंड में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। केरल में अब तक 3000 से अधिक पक्षी इस वायरस के कारण मर चुके हैं।
क्या है एवियन इन्फ्लूएंज़ा:
यह दुनिया भर में जंगली पक्षियों में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले एवियन इन्फ्लूएंज़ा (Avian Influenza- AI) टाइप A वायरस के कारण होने वाली बीमारी है।
- H5N1, एवियन इन्फ्लूएंज़ा का उपप्रकार है, जिसमें संक्रमित पक्षियों, उनके मल या संक्रमित पक्षी शवों के संपर्क के माध्यम से अन्य स्तनधारियों जैसे कि मिंक, फेरेट्स, सील, घरेलू बिल्लियाँ और अन्य को संक्रमित करने की क्षमता होती है।
- कभी-कभी वायरस पक्षियों से स्तनधारियों को संक्रमित कर सकता है जिसे स्पिलओवर कहा जाता है, हालाँकि इसकी स्तनधारियों के बीच फैलने की संभावना दुर्लभ हो सकती है।
उत्तराखंड में भी बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी
पशुपालन विभाग प्रदेशभर में स्थित जलाशयों में प्रवासी पक्षियों की भी निगरानी कर रहा है। केरल में बतखों में एवियन इनफ्लूएंजा वायरस मिलने के बाद अब उत्तराखंड में भी बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। पशुपालन निदेशालय ने सभी जिलों के पशु चिकित्सकों को बर्ड फ्लू की निगरानी के लिए निर्देश दिए हैं।
पक्षियों की असामान्य मृत्यु होने पर उनके सैंपल भोपाल स्थित हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज लैब भेजे जाएंगे। वायरस की पुष्टि होने पर संबंधित क्षेत्र के एक किमी. की रेंज में मुर्गे-मुर्गियों को मार दिया जाएगा। पशुपालन विभाग प्रदेशभर में स्थित जलाशयों में प्रवासी पक्षियों की भी निगरानी कर रहा है।
केरल के अलाप्पुझा जिले से एवियन वायरस की पुष्टि
केरल राज्य के अलाप्पुझा जिले में बतखों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। अलाप्पुझा जिले में बतखों में बर्ड फ्लू की पुष्टि पशुपालन विभाग के अनुसार, प्रवासी पक्षियों के संपर्क में आने व उनकी बीट से भी अन्य पक्षियों में वायरस फैल रहा है। अब तक 3000 से अधिक पक्षी मर चुके हैं।
इस तरह की स्थिति को देखते हुए पशुपालन निदेशक डा. नीरज सिंघल ने प्रदेश भर में अलर्ट जारी किया है। यह एवियन इनफ्लूएंजा (एच5एन1) वायरस सभी तरह की पक्षी प्रजाति में फैल सकता है।
बर्ड फ्लू के रोकथाम के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है। पक्षियों में एवियन इनफ्लूएंजा वायरस पाजिटिव आने पर उन्हें मार दिया जाता है। उसके आसपास की 1 किमी. रेंज के में स्थित पक्षियों को भी मार दिया जाता है, ताकि यह वायरस अन्य पक्षियों में न फैल सके। बर्ड फ्लू से बचने के लिए संक्रमित पक्षियों को संभालने वालों को दस्ताने पहनना चाहिए, साथ ही चेहरे में मास्क पहनना जरूरी है।
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